डीसीपी दफ्तर पर छापे में एक पुलिसकर्मी गिरफ्तार

Last Updated 02 Oct 2019 03:24:07 PM IST

राष्ट्रीय राजधानी में इन दिनों हो रहे ताबड़तोड़ अपराधों को रोक पाने में नाकाम, दिल्ली पुलिस पहले अपने कुछ भ्रष्ट कर्मचारियों को काबू करने में जुटी है। इसी क्रम में दिल्ली पुलिस की आर्थिक शाखा ने मंगलवार को अपने ही एक डीसीपी दफ्तर पर छापा मार दिया। छापा बाहरी दिल्ली के डीसीपी दफ्तर की लेखा-शाखा पर मारा गया।


छापे में पुलिस वालों द्वारा लाखों रुपये के पुलिस अनुदान (फंड) की हेराफेरी पकड़ में आयी है। इस सिलसिले में एक पुलिसकर्मी को गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि एक महिला दारोगा (मिनिस्ट्रीयल) सहित कुछ पुलिसकर्मी छापामार टीम को चकमा देकर मौके से भाग गये।

बातचीत में दिल्ली पुलिस आर्थिक अपराध शाखा के विशेष आयुक्त सतीश गोलचा ने छापे की पुष्टि की है।

सतीश गोलचा ने बताया, "काफी समय से बाहरी दिल्ली जिला डीसीपी कार्यालय की लेखा-शाखा में भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही थीं। प्राथमिक छानबीन में पता चला था कि, कुछ पुलिसकर्मी आपसी मिलीभगत से पुलिसकर्मियों के ही अनुदान में लाखों रुपये की हेराफेरी करके अमानत में खयानत कर रहे हैं।"

इन्हीं शिकायतों के आधार पर दिल्ली पुलिस ईओडब्ल्यू की तीन-चार टीमों ने मंगलवार को दोपहर के वक्त बाहरी दिल्ली जिला पुलिस उपायुक्त कार्यालय की लेखा-शाखा पर छापा मार दिया। छापे से मचे हड़कंप का फायदा उठाकर एक महिला दारोगा सहित कई संदिग्ध पुलिसकर्मी मौके से बचकर भाग निकलने में कामयाब रहे।

ईओडब्ल्यू के विशेष आयुक्त सतीश गोलचा ने आईएएनएस से आगे कहा, "इस सिलसिले में एफआईआर नंबर 195 पर मंगलवार को ही आर्थिक अपराध शाखा के थाने में केस दर्ज कर लिया गया है। साथ ही आगे की जांच ईओडब्ल्यू के साथ दिल्ली पुलिस की सतर्कता शाखा भी करेगी।"

उधर ईओडब्ल्यू के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने  बताया, "इस सिलसिले में एक पुलिसकर्मी को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया गया। प्राथमिक पूछताछ में आरोपी पुलिसकर्मी ने कई सनसनीखेज खुलासे किये हैं।"

दिल्ली पुलिस आर्थिक अपराध शाखा और दिल्ली पुलिस सतर्कता शाखा के दो अलग अलग विश्वस्त सूत्रों ने आईएएनएस से कहा, "छापे के बाद से अभी तक (बुधवार दोपहर बाद तक) हुई पूछताछ में यह साफ हो चुका है कि गिरफ्त में आया पुलिसकर्मी कुछ अन्य पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर लंबे समय से अमानत में खयानत कर रहा था।"

सूत्रों के मुताबिक, "आर्थिक अपराध शाखा की टीम की अब तक हुई छानबीन में यह साफ हो चुका है कि, आरोपी पुलिसकर्मी अपने ही पुलिसकर्मी साथियों का बकाया (एरिअर) के भुगतान को लूटने-खाने में जुटे हुए थे।"

छापे के दौरान यह बात भी साफ हो चुकी है कि, 'आरोपी ठग पुलिसकर्मियों का यह गिरोह दिल्ली पुलिस के ही करीब 24 पुलिस कर्मचारियों का 20 लाख रुपया हजम कर चुके हैं।'

उधर आर्थिक अपराध शाखा ने एक उच्च पदस्थ सूत्र ने  बताया, "पकड़ा गया आरोपी पुलिसकर्मी साथी पुलिसकर्मियों का सरकारी फंड, पत्नी के खाते में निजी बैंक के जरिये जमा करा ले रहा था। अपनो के साथ ही ठगी का यह काला कारोबार कब से चल रहा था? इसमें और कौन-कौन पुलिस अफसर या कर्मचारी शामिल हैं? इसकी भी जांच दिल्ली पुलिस सतर्कता शाखा कर रही है।"

इस बारे में, पश्चिमी परिक्षेत्र की संयुक्त पुलिस आयुक्त (जिनके अधीन बाहरी दिल्ली जिले का डीसीपी दफ्तर आता है) शालिनी सिंह और बाहरी दिल्ली जिला पुलिस उपायुक्त डॉ. ए. कॉन से कई बार संपर्क की कोशिश की। दोनो की ही तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है। पुष्टि के लिए दिल्ली पुलिस प्रवक्ता और मध्य दिल्ली के जिला पुलिस उपायुक्त मंदीप सिंह रंधावा से बार-बार संपर्क करने के बाद भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी।
 

 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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