दिल्ली व एनसीआर में ट्रांसपोर्टरों का चक्का जाम वीरवार को
नए मोटर व्हिकल एक्ट के विरोध में यूएफटीए ने बृहस्पतिवार को दिल्ली व एनसीआर में गाड़ियों (बस-ट्रक, ऑटो-टैक्सी, ट्रक आदि) का चक्का जाम की घोषणा की है।
![]() दिल्ली व एनसीआर में ट्रांसपोर्टरों का चक्का (प्रतिकात्मक चित्र) |
बंद में स्कूली बसों को भी शामिल किया गया है, जिससे कि सरकार पर दबाव बनाया जा सके। यूनियन के चेतावनी दी है कि अगर दोनों सरकारों ने उनकी मांगें नहीं मानी तो पूरे देश में चक्का जाम करेंगे। इसकी वजह से बृहस्पतिवार को दिल्ली व एनसीआर में कई स्कूल बंद रहेंगे।
यूटीएफए की ओर से चेम्सफोर्ड क्लब में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में एसोसिएशन के अध्यक्ष कुतरण अटवाल और चेयरमैन हरीश सभरवाल ने कहा कि बृहस्पतिवार को दिल्ली व एनसीआर में एम्बुलेंस व निजी वाहनो को छोड़ एक भी गाड़ी नहीं चलने देंगे। नेताओं ने कहा कि सरकार से हमारी चार मांगों में भारी जुर्माना को खत्म करने के अलावा दूसरी बड़ी मांग इंश्योरेंस कंपनियों पर पांच लाख का जो कैप लगाया गया है उसे हटाना प्रमुख है।
हरीश सभरवाल ने कहा कि पहले हम इंश्योरेंस का पैसा भरते थे तो उसी में किसी भी तरह की दुर्घटना में कोई मरता था तो उसे मुआवजा इंश्योरेंश कंपनी देती थी, लेकिन नए नियम के अनुसार इंश्योरेंस कंपनी अब पांच लाख तक का ही मुआवजा देगी उसके बाद अगर कोर्ट की ओर से मरने वाले के परिजनों को 50 लाख का मुआवजा दिए जाने का आदेश होता है तो 45 लाख रुपए वाहन मालिक को देना होगा, जो कि हमें मान्य नहीं है।
जब हम इंश्योरेंस का पैसा दे रहे हैं तो मुआवजा भी पहले की तरह इंश्योरेंस कंपनी को ही देनी चाहिए। एसोसिएशन के महासचिव श्याम लाल गोला ने हड़ताल को लेकर दिल्ली की जनता से माफी मांगते हुए कहा कि हम ट्रांसपोर्टरों के सामने भूखे मरने की नौबत आ गई है।
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