..तो राजधानी के प्रदूषण स्तर में आ जाएगी भारी कमी

Last Updated 17 Sep 2019 04:06:10 AM IST

राजधानी में ड्राफ्ट इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी 2024 के लक्ष्य प्राप्त करने हेतु अगले पांच वर्ष में पांच लाख इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण करना होगा।


..तो राजधानी के प्रदूषण स्तर में आ जाएगी भारी कमी

पांच लाख इलेक्ट्रिक वाहन के पंजीकरण से ही राजधानी की सड़कों पर 25 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन होंगे। इससे ड्राफ्ट इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी का लक्ष्य पूरा हो सकेगा। ये पांच लाख वाहन करीब 6 हजार करोड़ रुपए के तेल आयात को कम करेंगे व 4.8 मिलियन टन कार्बनडाईआक्साइड का कम उत्सर्जन होगा। हवा में सूक्ष्म धूलकण 2.5 के स्तर में 159 टन की कमी आएगी। डायलॉग व डवलपमेंट कमीशन (डीडीसी) के अध्ययन में यह तथ्य सामने आया है। दिल्ली के ड्राफ्ट इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी के संदर्भ में यह अध्यन कराया गया है जिसकी रिपोर्ट सोमवार को परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को सौंप दी गई। 
डीडीसी की रिपोर्ट में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने हेतु सिंगल विंडो क्लीयरेंस देने को कहा गया है ताकि सुगमता से गाड़ी को पंजीकरण व परमिट लेने की सुविधा व चार्जिग सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। डीडीसी ने इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदने वालों के लिए दिल्ली सरकार के सहयोग से ब्याज में छूट देने को कहा है। दिल्ली सरकार की मंशा अगले एक वर्ष में करीब 35 हजार इलेक्ट्रिक गाड़ियों के पंजीकरण कराने की है जिसमें करीब एक हजार गाड़ियों से दूर दराज के इलाकों को जोड़ा जाएगा। इसके लिए बिजली के चार्जिग स्टेशन बनाए जाएंगे। अगले वर्ष करीब एक हजार इलेक्ट्रिक वाहनों से दूर दराज इलाकों को जोड़ने संबंधी पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो सकेगा।

डीडीसी के अध्ययन में दस बिंदुओं को कार्यरूप देने पर बल दिया गया है। डीडीसी रिपोर्ट के संदर्भ में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ाने में दिल्ली का रोल अहम होगा। दिल्ली सरकार तेजी से इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन शुरू करेगी। इससे प्रदूषण स्तर में भारी कमी आएगी। डीडीसी उपाध्यक्ष जैसमीन शाह ने कहा कि बिजली के वाहनों में निवेश करने का सीधा फायदा लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ेगा। इसी कारण दिल्ली सरकार बड़े स्तर पर इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर खर्च करना चाहती है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली को इलेक्ट्रिक वाहनों की राजधानी बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि राजधानीवासियों को इलेक्ट्रिक वाहनों के अलावा गाड़ियों के आवागमन संबंधी जानकारी, बसों के रूट व भाड़े की जानकारी सुविधापूर्वक मिल सके, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा। डीडीसी के साथ राकी माउंटेन इंस्ट्ीटय़ूट भी इस काम में भागीदारी कर रही है।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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