फुटपाथ से हटाए जाएं अतिक्रमण : सुप्रीम कोर्ट

Last Updated 03 Sep 2019 01:35:32 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के सभी स्थानीय निकायों को आदेश दिया है कि फुटपाथ से अतिक्रमण हटाया जाए। अतिक्रमण हटाने के लिए 15 दिन का नोटिस दिया जाए, यदि इस अवधि में अतिक्रमण नहीं हटाया जाता है तो नगर निगम अवैध निर्माण ध्वस्त कर दे और अतिक्रमणकारी से जुर्माना वसूले।


सुप्रीम कोर्ट

यदि अतिक्रमण दोबारा हो तो गैर-कानूनी हरकत करने वाले शख्स के भवन का बिजली-पानी काट दिया जाए।

जस्टिस अरुण मिश्रा अर दीपक गुप्ता की बेंच ने दिल्ली में पार्किग की समस्या से निपटने के लिए नगर-निगम को दिशा-निर्देश जारी किए। सुप्रीम कोर्ट ने पार्किंग को सर्वाधिक गंभीर समस्याओं में से एक बताया और दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में किसी भी प्रकार के निर्माण को मंजूरी देने के पहले अगले 25 सालों की पार्किंग जरूरतों का ठीक प्रकार से आकलन किया जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने सभी नगर निकायों-नई दिल्ली नगरपालिका परिषद, उत्तरी दिल्ली नगर निगम, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम, पूर्वी दिल्ली नगर निगम और दिल्ली छावनी बोर्ड को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि रिहायशी इलाकों में फुटपाथों से अतिक्रमण हटाया जाए और पैदलयात्री ही इसका इस्तेमाल करें। अदालत ने निर्देश दिया कि दिल्ली मेंटिनेंस एंड मैनेजमेंट ऑफ पार्किंग प्लेस नियम, 2019 के मसौदा नियमों को जल्द से जल्द अधिसूचित किया जाए। इसे 30 सितंबर तक अधिसूचित किया जाए अर चार अक्टूबर को अदालत को अनुपालन रिपोर्ट से अवगत कराया जाए।

अदालत ने कहा कि यह सुनिश्चित करना सभी का कर्तव्य होगा कि नियम अक्षरश: लागू हों। अदालत की ओर से जजमेंट लिखते हुए जस्टिस दीपक गुप्ता ने कहा कि फुटपाथों पर अतिक्रमण करने वाले लोगों को अतिक्रमण हटाने के लिए 15 दिन का नोटिस जारी किया जाए और अगर वे अतिक्रमण नहीं हटाते हैं तो इन्हें नगर निगम अधिकारियों अथवा संबंधित अधिकारियों द्वारा हटाया जाए,जिसका खर्च अतिक्रमण करने वाला वहन करेगा। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई अगले वर्ष 13 जनवरी के लिए निर्धारित की।

लाजपत नगर बहुमंजिला पार्किग को पायलट प्रोजेक्ट की तरह इस्तेमाल किया जाए
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण के मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में पार्किंग का मुद्दा सामने आया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लाजपत नगर में बहुमंजिला पार्किग का निर्माण हुआ है। इसे पायलट प्रोजेक्ट की तरह इस्तेमाल किया जाए।

इसमें किस तरह की परेशानियां आ रही हैं, इस पर तीन माह बाद समीक्षा की जाएगी। कमला नगर अर कृष्णा नगर में भी मल्टी लेवल पार्किग के निर्माण को अमली-जामा पहनाया जाए। ईपीसीए ने लाजपत नगर तृतीय के लिए भी पायलट पार्किग प्रोजेक्ट तैयार किया है। यहां 3510 कार पार्किग की मांग है जबकि फिलहाल 1680 कार के लिए ही जगह बन पा रही है।

अस्पताल और शिक्षण संस्थाओं में रात के समय पार्किग स्थल खाली हो जाते हैं। आसपास के अस्पताल और स्कूलों में रात की पार्किग के लिए उनकी जगह का इस्तेमाल किया जा सकता है। पार्किग के लिए नवीनतम तकनीक और प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया जाए। राज्य सरकार को तय करना है कि वह पार्किग के लिए वाहन धारकों से पैसा वसूलना चाहती है या खुद अपने खर्र्चे पर इसका निर्माण खर्च वहन करेगी। पार्किग स्थल का निर्माण खर्चीला है और इस पर बहुत सोच-समझकर कदम उठाना होगा।

विवेक वार्ष्णेय/सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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