राजधानी में अब नई गाड़ी खरीदने के लिए बतानी होगी पार्किंग की उपलब्धता
दिल्ली सरकार ने राजधानी के लिए नई पार्किंग पॉलिसी का मसौदा तैयार कर लिया है, जिस पर जनता की राय लेने के बाद ही इसे लागू किया जाएगा।
अब नई गाड़ी खरीदने के लिए बतानी होगी पार्किंग की उपलब्धता |
इस पॉलिसी के तहत रिहायशी इलाके में कई भवनों के सामने पार्किंग बनाने पर स्थानीय निवासियों को पार्किंग करने की सहूलियत दी जाएगी। यहां बाहर के लोग स्थानीय निवासी की जगह घेरकर पार्किंग नहीं कर सकेंगे। राजधानी में नई गाड़ी को परमिट तभी मिलेगा जब वे पार्किंग के लिए उपलब्ध जगह की जानकारी देंगे। इसी जानकारी के आधार पर ही गाड़ी के परमिट का नवीनीकरण हो पाएगा। वाहन मालिक को नगर निगम के ठेकेदार से एक वर्ष तक की पार्किंग के लिए अधिकृत होने का पत्र प्राप्त करना होगा, जिसे परिवहन कार्यालय में जमा करना होगा।
नई पार्किंग पॉलिसी के अनुसार नगर निगमों व एनडीएमसी को पार्किंग चार्ज वसूली के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करना होगा, उन्हें पार्किंग मीटर लगाना होगा, कम्प्यूयराइज्ड पार्किंग स्लिप देने की मशीन रखनी होगी, जिसमें समय बताना अनिवार्य होगा। ऐप आधारित पार्किंग शुल्क वसूली व मॉनिटरिंग सिस्टम लागू होगा।
ऑन स्ट्रीट पार्किंग: कम देर के लिए पार्किंग करने वाले को ऑन स्ट्रीट पार्किंग सुविधा मिलेगी। इसकी समय सीमा एक घंटा तय होगी। लंबे समय तक (एक घंटे से ज्यादा) पार्किंग करने के लिए अनुमति आसानी से नहीं मिलेगी। ऑन स्ट्रीट पार्किंग का डिजाइन इस प्रकार तैयार होगा कि पार्किंग करने, पैदल चलने व साइकिल चलाने वालों को परेशानी न हो। जहां भी सड़क पर चौराहा होगा, उससे 25 मीटर दूरी तक कोई पार्किंग नहीं किया जा सकेगा। फायर स्टेशन, बिजली सब स्टेशन के गेट के आस पास कोई पार्किंग सुविधा नहीं तैयार की जाएगी।
ऑफ स्ट्रीट/मल्टी लेवल पार्किंग : दुकानदारों, स्थानीय कामकाजी व्यक्तियों, कार्यालय जाने वालों, जिन्हें लंबे समय तक पार्किंग करने की जरूरत है, उन्हें ऑफ स्ट्रीट/मल्टी लेवल पार्किंग का सहारा लेनांहोगा। किसी भी मल्टीलेवल पार्किंग का डिजाइन इस प्रकार बनाया जाएगा कि भविष्य में इसका उपयोग किसी अन्य कार्य के लिए भी किया जा सके। /मल्टी लेवल पार्किंग में कमर्शियल स्पेस या कार्यालय के लिए भी जगह दी जाएगी। किसी भी मल्टी लेवल पार्किंग के पांच सौ मीटर के दायरे में पार्किंग की अनुमति नहीं दी जाएगी।
नगर निगम को रिहायसी इलाके को छोड़कर अन्य जगह तलाशनी होगी जहां रात्रि के समय भारी वाहनों को पार्किंग की अनुमति दी जा सकेगी। रात के समय पार्किंग के लिए वाहन मालिक को फीस देना होगा। यह पार्किंग दिन के समय नहीं किया जा सकेगा। इस प्रकार की पार्किंग व्यवस्था रिहायसी इलाके में नहीं की जा सकेगी। भारी वाहनों को इसी प्रकार के चिन्हित जगहों पर पार्किंग करना होगा। राजधानी के हवाईअड्डे, रेलवे स्टेशन, मेट्रो स्टेशन व अंतर्राज्यीय बस अड्डे (आईएसबीटी) को इन्हीं तय नियमों के आधार पर पाकिंग सुविधा विकसित करनी होगा व उन्हें मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन पालिसी का पालन करना होगा ।
रिहायशी इलाके में पार्किंग पॉलिसी: दिल्ली सरकार द्वारा बुधवार को जारी पार्किंग पॉलिसी के अनुसार रिहायसी कालोनी में खुले स्थान पार्किंग की अनुमति होगी। स्थानीय नागरिकों व रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की सहमति से कालोनियों में पार्किंग व्यवस्था तय होगी। यहां पार्किंग चार्ज लगेगा। निगमों को रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के साथ मिलकर पार्किंग चार्ज तय करना होगा। ग्रीन क्षेत्र या पाकरे का उपयोग पार्किंग के लिए नहीं किया जा सकेगा। साथ ही फुटपाथ पर पार्किंग की अनुमति नहीं होगी। फुटपाथ पर पार्किंग किए जाने पर नगर निगम इन गाड़ियों को पुलिस द्वारा हटवा सकेगा।
बिजली से चलने वाली गाड़ियों के लिए होगी व्यवस्था: इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए नगर निगमों को रात्रि के समय पार्किंग की विशेष व्यवस्था करनी होगी।ईलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए इन्हीं पार्किंग स्थलों पर चाजिंग की भी व्यवस्था करनी होगी। सामान्य पार्किंग स्थलों पर भी ईलेक्ट्रिक गाड़ियों के चार्जिंग की व्यवस्था करनी होगी। पार्किंग फीस वसूली से निगमों को पैदल चलने वालों की सुविधा बेहतर करने में खर्च करना होगा।
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