हाईकमान तय करे, गठबंधन की जरूरत है भी या नहीं : शीला दीक्षित

Last Updated 23 Jan 2019 03:21:51 AM IST

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद संभालते ही शीला दीक्षित सक्रिय हो गई हैं। आम आदमी पार्टी से गठबंधन के मामले को उन्होंने आलाकमान का विषय करार दिया है।


प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित (file photo)

दूसरी ओर लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर संगठन को तुरंत सक्रिय बनाने के लिए उन्होंने ब्लॉक अध्यक्ष, महिला कांग्रेस व युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर उनको चुनावी रण में जाने का स्पष्ट संदेश दे दिया है। उन्होंने करीब नौ हजार बूथ अध्यक्षों को अपने आवास पर नेम प्लेट लगाने को कहा है, ताकि उन्हें स्थानीय स्तर पर पार्टी का सम्मानित व्यक्ति माना जा सके। करीब पंद्रह वर्षो तक सफलतापूर्वक राजधानी के विकास को गति देने के लिए वे जनता के बीच अभी भी चर्चित हैं, लेकिन 80 वर्ष की उम्र में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालते ही पार्टी को गति देने व कार्यकर्ताओं को चुनावी रण में झोंकने की प्रक्रिया में जुट गई हैं। ‘राष्ट्रीय सहारा’ के प्रधान संवाददाता संजय के झा के साथ चुनावी तैयारी के संबंध में हुई बातचीत के प्रमुख अंश :



- मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल यदि राजधानी में विपक्षी दलों के साथ रैली करते हैं तो क्या इस रैली में आप हिस्सा लेंगी?
महागठबंधन के मामलों में फैसला कांग्रेस पार्टी का शीर्ष नेतृत्व करेगा। यह निर्णय पूर्णत: कांग्रेस आलाकमान द्वारा लिया जाएगा कि क्या इसमें हिस्सा लें अथवा नहीं। हमें तो सिर्फ पार्टी आलाकमान के निर्णय का पालन करना है। कांग्रेस बड़ा राजनीतिक दल है, जिसने देश की सेवा लंबे समय तक की है। कांग्रेस ने कई चुनाव जीते है, कभी-कभार हार भी मिली है। अब कांग्रेस पार्टी को ही तय करना है कि क्या गठबंधन करना है, क्या इसकी जरूरत भी है?

- ‘आप’ सरकार ने बिजली सब्सिडी जारी रखी है। अब चुनाव के समय क्या बिजली का मुद्दा फिर अहम होगा?
मैं प्रश्न पूछना चाहती हूं कि बिजली व पानी को लेकर आम आदमी पार्टी की सरकार ने क्या किया है? उनका वादा था कि बिजली-पानी फ्री होगा। क्या बिजली व पानी अब फ्री हो पाया है? सब्सिडी तो कांग्रेस सरकार भी देती थी, लेकिन तब सब्सिडी उनके लिए थी, जिन्हें सब्सिडी की जरूरत थी। सिर्फ जरूरतमंद के लिए सब्सिडी थी, लेकिन ‘आप’ ने जो फ्री बिजली फ्री पानी का वादा किया, वह पूरा नहीं हो पाया है।

- 14 फरवरी को दिल्ली सरकार को चार वर्ष पूरे होंगे। प्रशासनिक दक्षता के मापदंड पर ‘आप’ सरकार को दस में कितने अंक आप देंगी?
मैं ‘आप’ सरकार की रेटिंग नहीं करूंगी, लेकिन इनकी रेटिंग जनता जरूर करेगी और उन्हें कड़ा सबक सिखाएगी। अवसर मिलते ही जनता उन्हें मुंहतोड़ जवाब देगी।

-  कॉमनवेल्थ गेम्स में कांग्रेस सरकार ने डीटीसी के लिए पांच हजार बसें खरीदी। अब परिवहन व्यवस्था लचर हो गई है। विपक्ष की नेता के रूप में परिवहन व्यवस्था पर आप क्या  टिप्पणी करेंगी?
मैं इस बात से पूरी  तरह अपसेट हूं। इस सरकार ने अनगिनत वादे किए, लेकिन जनता के लिए कुछ भी नहीं किया। चार साल में नई बसें कहां हैं? जो बसें पुरानी हो चुकी हैं, उनके स्थान पर नई बसें अब तक क्यों नहीं लाई गई हैं। मैं कहना चाहती हूं कि पूरी दिल्ली की जनता को एक बार ठगा जा सकता है, लेकिन दिल्ली की जनता को बार-बार ठगना संभव नहीं है।

- राजधानी के मुस्लिम मतदाता का रुझान आम आदमी पार्टी की तरफ ज्यादा है। अब कांग्रेस पुराने वोटरों को जोड़ने के लिए क्या प्रयास करेगी?
बड़ी संख्या में मुस्लिम कार्यकर्ता प्रतिदिन मुझसे मिलने आते हैं। ये कार्यकर्ता कांग्रेस के लिए काफी समर्पित हैं। कांग्रेस की नीतियों में इनका विश्वास है। ‘आप’ पार्टी के लिए दावा करना मुश्किल है कि ये मतदाता उनके पक्ष में हैं। मैं कह सकती हूं कि इन मतदाताओं का रुझान कांग्रेस के लिए काफी ज्यादा है।

- अनधिकृत कॉलोनियों में राजधानी का बड़ा वोट बैंक है। यहां पुन: पैठ बनाने के लिए क्या रणनीति होगी?
हम प्रत्येक वोटर तक पहुंचेंगे। कांग्रेस उम्मीदवार को एक-एक घर तक पहुंचना होगा। अभी चुनाव की तिथि की घोषणा होना बाकी है। कांग्रेस पार्टी पूरी तैयारी से हर कोने व हर मतदाता तक पहुंचेगी। हमारी योजना अनधिकृत कॉलोनी के साथ-साथ दिल्ली के हर हिस्से में मतदाता तक पहुंचने की है।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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