ड्रोन से होगी जमीन की पैमाइश
दिल्ली सरकार राजधानी में जमीन का नया मैप ड्रोन से तैयार करेगी. प्रत्येक खसरा ड्रोन द्वारा निर्धारित किया जाएगा.
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इस प्रकार की पैमाइश से सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करना असंभव हो जाएगा. इस प्रक्रिया को शुरू करने के लिए रक्षा मंत्रालय, पुलिस व नागरिक उड्डयन विभाग की अनुमति का इंजतार है. अधिकारियों का मानना है कि यह अनुमति जल्द मिल जाएगी क्योंकि उच्च स्तरीय चर्चा जारी है.
राजधानी के दक्षिण जिले में माफिया द्वारा सरकारी जमीन हड़पने संबंधी जानकारी मिलने के बाद अब राजधानी का मैप ड्रोन से तैयार करने की तैयारी शुरू हो गई है. अभी तक राजधानी में ड्रोन का प्रयोग करने की अनुमति रक्षा मंत्रालय ने नहीं दी है लेकिन अनुमति मिलते ही यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. ड्रोन द्वारा सव्रे का काम तेजी से हो सकेगा. चप्पे-चप्पे का मेन ड्रोन तैयार कर देगा व जमीन पर खसरे को बारीकी से चिह्नित करेगा. इससे राजस्व विभाग जमीन का नया मैप तैयार कर पाएगा.
इसके पूर्व राजस्व विभाग ने सभी जिलों में रजिस्ट्रार के कार्यालय का आधुनिकीकरण का काम पूरा कर लिया है व जमीन व फ्लैट रजिस्ट्री के पूर्व लोग सभी कागजात ऑनलाइन देखकर वेरिफिकेशन कर सकते हैं. साथ ही रजिस्ट्री के लिए रजिस्ट्रार कार्यालय से समय ऑनलाइन ले सकते हैं. किसी भी जिले के जमीन की रजिस्ट्री राजधानी के दूसरे जिले में कराई जा सकती है.
इसके अगले चरण में जमीन के कागजात को सुरक्षित रखने व कागजात नष्ट होने से बचाने के लिए रिकार्ड रूम का आधुनिकीकरण का काम शुरू हो गया है. रिकार्ड रूम में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं. किसी भी अधिकारी को कागजात कंप्यूटर में दिख सकेगा. यानि मूल कागजात सुरक्षित रहेगा व इसके सत्यापन का काम आनलाइन होगा. जमीन के प्रत्येक खसरा का सत्यापन फिर से होगा, यह काम ड्रोन द्वारा किया जाएगा. यह सरकारी भूमि का अतिक्रमण रोकने में मील का पत्थर साबित होगा.
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