इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी के हत्याकांड को लेकर मेघालय पुलिस के खुलासे के बाद उनके पिता ने मंगलवार को मांग की कि उनके नव विवाहित बेटे की जघन्य हत्या के सभी दोषियों को मौत की सजा दी जानी चाहिए।

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मेघालय पुलिस के मुताबिक पूर्वोत्तर के इस सूबे में हनीमून मनाने गए ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी (29) की साजिशन हत्या में उनकी पत्नी सोनम (25) कथित रूप से शामिल थी जिसने अपने कथित प्रेमी राज कुशवाह (20) की मदद से वहां भाड़े के तीन हत्यारे बुलाए थे।
अधिकारियों ने बताया कि सोनम ने उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में पुलिस के सामने रविवार देर रात आत्मसमर्पण कर दिया, जबकि कुशवाह समेत चार आरोपियों को मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों से गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने बताया कि आरोप है कि सोनम ने अपने प्रेमी राज कुशवाह के साथ मिलकर भाड़े के हत्यारों के जरिये पति राजा रघुवंशी की हत्या कराई थी ताकि उसे रास्ते से हटाया जा सके।
राजा रघुवंशी की मौत से शोक में डूबे उनके पिता अशोक रघुवंशी ने न्यूज एजेंसी से कहा, ‘‘मेरा बेटा तड़प-तड़प कर मरा है। उसकी हत्या के सभी दोषियों को फांसी की सजा मिलनी ही चाहिए ताकि एक नजीर पेश हो और आइंदा किसी माता-पिता को उनका बेटा इस तरह ना खोना पड़े।’’
वह यह कहते हुए भावुक हो जाते हैं कि हनीमून मनाने मेघालय गया उनका बेटा ताबूत में घर लौटा।
उन्होंने कहा, ‘‘जघन्य तरीके से हत्या के कारण मेरे बेटे का पार्थिव शरीर क्षत-विक्षत था। मैं हृदय का मरीज हूं। इसलिए मेरे स्वास्थ्य की चिंता करते हुए मेरे परिवार के लोगों ने ताबूत खोलकर मुझे अपने बेटे के अंतिम दर्शन करने से रोक दिया।’’
रघुवंशी ने यह दावा भी किया कि राजा की पत्नी सोनम ने अपनी कुंडली का ‘मंगल दोष’ मिटाने के लिए अपने पति की हत्या कराई ताकि बाद में वह अपने कथित प्रेमी राज कुशवाह से दूसरी शादी कर सके।
हालांकि, स्थानीय ज्योतिषी धीरज दीक्षित ने इस बात को मनगढ़ंत बताया और कहा कि किसी व्यक्ति के जीवनसाथी के मरने से उसका ‘मंगल दोष’ नहीं मिटता।
शुरुआत में राजा रघुवंशी के परिवार ने उनकी हत्या के मामले की जांच में लापरवाही का आरोप लगाते हुए मेघालय सरकार पर सवाल उठाए थे। हालांकि, हत्याकांड के खुलासे के बाद इस परिवार के सुर बदल गए हैं।
राजा रघुवंशी के बड़े भाई विपिन रघुवंशी ने कहा कि वह मेघालय सरकार के खिलाफ बयानबाजी के लिए माफी चाहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें पता नहीं था कि मेघालय पुलिस राजा के हत्यारों को पकड़ने के लिए गुप्त अभियान चला रही है। हमारी मेघालय सरकार को बदनाम करने की कोई नीयत नहीं थी। मुश्किल वक्त में साथ देने के लिए हम मध्यप्रदेश सरकार के भी आभारी हैं।’’
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