विकसित भारत के लिए गांव का विकसित होना जरुरी : PM MODI

Last Updated 24 Apr 2023 03:59:07 PM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्य प्रदेश के रीवा के एसएएफ मैदान में आयोजित राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस समारोह में गांव के विकास पर जोर देते हुए कहा कि विकसित भारत के लिए गांव का विकसित होना जरुरी है।


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री ने रीवा की धरती से विंध्वासिनी को प्रणाम और यहां के शूरवीरों का नमन करते हुए कहा, भारत को विकसित बनाने के लिए भारत के गांवों की सामाजिक व्यवस्था को विकसित करना जरूरी है। भारत को विकसित बनाने के लिए भारत के गांवों की आर्थिक व्यवस्था को विकसित करना जरूरी है।

प्रधानमंत्री ने अपने रीवा के पूर्व के प्रवासों का भी स्मरण किया और कहा, हम सभी जनता के प्रतिनिधि लोकतंत्र के लिए समर्पित हैं। काम के दायरे भले ही अलग हों, लेकिन लक्ष्य एक ही है -- जनसेवा से राष्ट्र सेवा।

उन्होंने आगे कहा, गांव, गरीब का जीवन आसान करने के लिए केन्द्र सरकार की योजनाओं को पंचायतें पूरी निष्ठा से जमीन पर उतार रही हैं। देश की 2.5 लाख से अधिक पंचायतों को 'राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस' की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

प्रधानमंत्री ने सीधे और वर्चुअली जुड़े पंचायत प्रतिनिधियों का जिक्र करते हुए कहा, आज आपके साथ 30 लाख से अधिक पंचायत प्रतिनिधि भी हमारे साथ वर्चुअली जुड़े हुए हैं। ये निश्चित रूप से भारत के लोकतंत्र की बहुत ही सशक्त तस्वीर है।

आजादी के इस अमृतकाल में हम सभी देशवासियों ने विकसित भारत का सपना देखा है और उसे पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं।

पिछली सरकार की कार्यषैली का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 2014 से पहले के 10 वर्षों में केंद्र सरकार की मदद से छह हजार के आस पास ही पंचायत भवन बनवाए गए थे। पूरे देश में करीब-करीब छह हजार पंचायत घर ही बने थे। हमारी सरकार आठ वर्ष के अंदर-अंदर ही 30 हजार से ज्यादा नई पंचायतों का निर्माण करवा चुकी है। पहले की सरकार ने 70 से भी कम ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा। ये हमारी सरकार है, जो देश की दो लाख से भी ज्यादा पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर ले गई है।

पिछली और वर्तमान सरकार के कामकाज के फर्क को बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आजादी के बाद की सरकारों ने भारत की पंचायती राज व्यवस्था को ध्वस्त किया। जो व्यवस्था सैकड़ों वर्ष, हजारों वर्ष पहले से थी, उसी पंचायती राज व्यवस्था पर आजादी के बाद भरोसा ही नहीं किया गया। 2014 के बाद से, देश ने अपनी पंचायतों के सशक्तिकरण का बीड़ा उठाया है और आज इसके परिणाम नजर आ रहे हैं। आज भारत की पंचायतें, गांवों के विकास की प्राणवायु बनकर उभर रही हैं।
 

आईएएनएस
रीवा


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