संघ प्रमुख ने किसको बदलने की बात कह दी?

Last Updated 19 Apr 2023 04:02:52 PM IST

हम किसी को जीतेंगे नहीं, हम किसी को बदलेंगे नहीं, यह कहना है संघ प्रमुख मोहन भगवत का। भारत वर्ष पहले भी था, आज भी है और बाद में भी रहेगा। भारत को लेकर यह विचार हैं मोहन भागवत के। संघ प्रमुख के यह ब्यान आए, मध्यप्रदेश के जबलपुर में ब्रह्मलीन जगतगुरु श्यामादेवाचार्या की द्वितीय पुण्यतिथि पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान।


संघ प्रमुख मोहन भगवत

मोहन भागवत किसी बात को ऐसे नहीं कहते हैं ,उनकी हर बात के कोई न कोई मायने होते हैं। अब यहाँ मोहन भागवत किसको ना बदलने की बात कर रहे हैं। इस पर देश भर के बुद्धिजीवी लोग कई दिनों तक माथापच्ची करते रहेंगे। इस दौरान मोहन भागवत ने सनातन धर्म और हिन्दू राष्ट्र की व्याख्या की। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म ही, हिन्दू धर्म और हिन्दू राष्ट्र है। आरएसएस प्रमुख अपने बयानों के लिए अक्सर चाचाओं में रहते हैं।

जबलपुर में दिए उनके बयानों पर तो चर्चा होती रहेगी। उन्होंने बदलने वाले का शब्द का इस्तेमाल किसके लिए किया है? जब रामचरित मानस की चौपाइयों को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ था, तो उन्होंने यह कहकर विवाद पर विराम लगाने की कोशिश की थी कि यह सब पंडितों का  काम है। रामचरित मानस की कुछ चौपाइयों को लेकर बिहार सरकार के मंत्री चंद्रशेखर और उत्तर प्रदेश के सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या  ने कहा था कि तुलसीदास रचित रामचरित मानस की उन चौपाइयों में दलित और अन्य पिछड़े वर्ग का अपमान होता है। उन दोनों नेताओं के ब्यान के बाद बहुत बवाल मचा था। बहुत दिनों तक उस पर हंगामा होता रहा। उसी बीच एक कार्यक्रम के दौरान मोहन भागवत ने कह दिया था कि जो गड़बड़ी हुई है उसकी देन  पंडित हैं।

मोहन भागवत के उस ब्यान के बाद देश भर के ब्राह्मणों का उनके खिलाफ ब्यान आया था। देश भर के साधू समाज ने भी उनके बयानों की निंदा की थी। अब एक बार फिर मोहन भागवत ने एक ऐसा ब्यान दिया है जिसकी चर्चा बहुत दिनों तक होती रहेगी। मोहन भागवत को अच्छी तरह पता है कि भारत में कई धर्मों के लोग रहते हैं ,ऐसे में मोहन भागवत जिस हिन्दू राष्ट्र की बात कर रहे हैं वो किसके लिए कर रहे हैं? मोहन भागवत की बात आसानी समझ में आने वाली होती नहीं हैं, लेकिन उन्होंने जो बातें कहीं हैं उसका असर दूर तक जरूर होगा।

शंकर जी विश्वकर्मा
नई दिल्ली


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