राजस्थान संकट के बीच कमलनाथ को दिल्ली बुलाया गया, सोनिया गांधी से कर सकते हैं मुलाकात

Last Updated 26 Sep 2022 04:29:24 PM IST

कांग्रेस नेतृत्व ने पार्टी के वरिष्ठ नेता कमलनाथ को दिल्ली बुलाया है और वह आज सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं। पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी दी।


कमलनाथ (फाइल फोटो)

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ को सोनिया गांधी ने ऐसे समय बुलाया है, जब पार्टी की राजस्थान इकाई में संकट पैदा हो गया है।

माना जाता है कि गहलोत से कमलनाथ के अच्छे रिश्ते हैं और संकट सुलझाने की जिम्मेदारी उन्हें दी जा सकती है।

उल्‍लेखनीय है कि राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल की बैठक रविवार रात को मुख्‍यमंत्री आवास पर होनी थी, लेकिन गहलोत के वफादार कई विधायक बैठक में नहीं आए। उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर बैठक की और फिर वहां से वे विधानसभा अध्‍यक्ष डॉ सीपी जोशी से म‍िलने गए।

राजस्थान में कांग्रेस को संकट उबारने के लिए कमलनाथ उठा सकते हैं कदम : सूत्र
कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी अजय माकन और पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रयास विफल होने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ को राज्य में उत्पन्न हुए राजनीतिक संकट को दूर करने के लिए कदम उठा सकते हैं। एक सूत्र ने सोमवार को यह बात कही।

राजस्थान के प्रभारी अजय माकन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि जब विधायक दल की कोई आधिकारिक बैठक बुलाई गई हो और यदि कोई उसी के समानांतर एक अनाधिकारिक बैठक बुलाए, तो यह प्रथमदृष्टया ‘‘अनुशासनहीनता’’ है।

कांग्रेस नेता माकन, जो मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ नए सीएम का चेहरा तय करने के लिए सीएलपी की बैठक बुलाने के लिए जयपुर में थे, सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के लिए रवाना होने से पहले मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने बताया कि गहलोत खेमे के तीन सदस्यों ने उनसे कई प्रस्तावों के साथ मुलाकात की थी, जिसे हितों के टकराव से बचने के लिए उन्हें ठुकराना पड़ा।

माकन ने कहा कि गहलोत खेमे का प्रतिनिधित्व करने वाले शांति धारीवाल, महेश जोशी और प्रताप खाचरियावास ने रविवार रात तीन प्रस्तावों के साथ उनसे मुलाकात की और कहा कि सचिन पायलट को नया मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, "उनके पहले प्रस्ताव में कहा गया था कि यदि आप एक प्रस्ताव पारित करना चाहते हैं, तो कांग्रेस आलाकमान को अंतिम निर्णय लेना चाहिए, फिर इसे 19 अक्टूबर (पार्टी अध्यक्ष चुनाव और वोटों की गिनती) के बाद पारित करना चाहिए।"

"हमने उनसे कहा कि इससे हितों का टकराव पैदा होगा। अगर गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाते हैं तो यह प्रस्ताव उन्हें 19 अक्टूबर के बाद और मजबूत करेगा और इससे हितों का बड़ा टकराव पैदा हो सकता है।"

"दूसरा, जब हमने उनसे कहा कि हम उनमें से प्रत्येक से व्यक्तिगत रूप से बात करना चाहते हैं, तो उन्होंने समूह में बात करने पर जोर दिया। हमने उन्हें स्पष्ट रूप से बताया कि यह प्रत्येक नेता से प्रतिक्रिया लेने के लिए कांग्रेस की प्रथा रही है, लेकिन वे अपनी स्थिति पर कायम रहे।"

माकन ने कहा, "तीसरा, उन्होंने कहा कि सीएम उन 102 विधायकों में से चुना जाना चाहिए जो विद्रोह के दौरान वफादार थे, न कि पायलट खेमे से।"

आईएएनएस/भाषा
नई दिल्ली


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