प्रधानमंत्री मोदी हुए 72 साल के, नामीबिया से लाए गए चीतों को कुनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ेंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन के मौके पर कुनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ेंगे। इन चीतों को सुबह करीब 10.45 पर विशेष बाड़ों में छोड़ा जाएगा।
![]() कूनो राष्ट्रीय उद्यान में आज पीएम मोदी विमुक्त करेगे नामीबिया से आए चीतों के दल को |
अफ्रीकी से आठ चीतों को एक खास विमान से भारत लाया गया है। विमान शनिवार को नामीबिया से ग्वालियर पहुंचा और वहां से चीतों को हेलीकॉप्टर से श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क लाया गया है। इस फ्लाइट को स्पेशल फ्लैग नंबर 118 दिया गया।
विश्व में चीतों को शिफ्ट करने का काम एयरलाइन कंपनी ने पहली बार किया है। ये क्षण विमान कंपनी के लिए भी यादगार रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र शनिवार को अपने 72वें जन्मदिन पर कूनो नेशनल पार्क में चीतों को आजाद कर देश के पहले चीता प्रोजेक्ट का शुभारंभ करेंगे।
70 साल बाद भारत में लोगों को चीता देखने को मिलेगा। देशवासी इस ऐतिहासिक क्षण का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। दक्षिणअफ्रीका से 5 मादा और तीन नर चीते भारत लाए जा रहे हैं। चीतों की उम्र ढाई से साढ़े पांच साल के बीच है। वहीं, ये जानकारी भीसामने आई है कि आठ चीतों में दो सगे भाई भी शामिल हैं।
चीता प्रोजेक्ट में शामिल एक एजेंसी चीता संरक्षण कोष से मिली जानकारीके अनुसार,
इन चीतों में तीन नर और पांच मादा हैं। इनमें से एक की उम्र साढ़े चार साल, दूसरे की दो साल, तीसरे की ढाई साल और चौथे की तीन से चार साल के बीच बताई गई है। वहीं, एक चीते की उम्र 12 साल भी बताई गई है।
इसके साथ ही बड़े जंगली जानवरों को पुनर्स्थापित करने की दुनिया की पहली अंतरमहाद्वीपीय परियोजना का शुभारंभ करेंगे।
सुबह 10.30 बजे कूनो राष्ट्रीय उद्यान में नामीबिया से आए चीतों के दल को विमुक्त करेंगे
प्रधानमंत्री #नरेंद्र_मोदी अपने जन्मदिन के मौके पर #कुनो_नेशनल_पार्क में चीतों को सुबह करीब 10.45 पर विशेष बाड़ों में छोड़ा जाएगा। अफ्रीकी से आठ चीतों को एक खास विमान से भारत लाया गया है। #narendramodibirthday pic.twitter.com/mlV3jyWY0u
— IANS Hindi (@IANSKhabar) September 17, 2022
आधिकारिक तौर दी गई जानकारी में बताया गया है कि प्रधानमंत्री मोदी सुबह 10.30 बजे देश के दिल मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में नामीबिया से आए चीतों के दल को विमुक्त करेंगे।
महिला स्व-सहायता समूहों के सम्मेलन को संबोधित करेंगे मोदी
उसके बाद सुबह 11.40 बजे हरा-भरा मध्यप्रदेश अभियान में कराहल हेलीपेड स्थल पर पौध-रोपण करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी श्योपुर जिले के कराहल के मॉडल स्कूल ग्राउंड में दोपहर 12 बजे महिला स्व-सहायता समूहों के सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इसके अलावा विशेष पिछड़ी जनजाति समूह कौशल विकास प्रशिक्षण केन्द्रों शिवपुरी, मण्डला, शहडोल और तामिया का ई-लोकार्पण करेंगे।
1952 से विलुप्त घोषित चीता वर्ष 2022 में पुन: पुनर्स्थापित होंगे भारत में
भारत में वर्ष 1952 से विलुप्त घोषित चीता वर्ष 2022 में पुन: पुनस्र्थापित होने जा रहा है। इसके पूर्व चीता पुनस्र्थापना के लिए केन्द्र और राज्य सरकार के साथ अंतर्राष्ट्रीय चीता विशेषज्ञों की चर्चा हुई। प्रदेश के लिये गौरव की बात है कि भारतीय वन्य जीव संस्थान (वाईल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट) ने भारत में चीता पुनस्र्थापना के लिए किये गये संभावित क्षेत्रों के सर्वेक्षण में देश में चयनित 10 स्थान में से प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान को सर्वाधिक उपयुक्त पाया। यह ऐतिहासिक है कि इस कार्य का शुभारंभ प्रधानमंत्री मोदी के कर-कमलों से हो रहा है।
3 हजार वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र चीतों के लिए उपयुक्त
बताया गया है कि प्रधानमंत्री मोदी दो बाड़ों में चीते विमुक्त करेंगे। पहले बाड़े में दो नर चीते छोड़े जाएंगे। दूसरे बाड़े में एक मादा चीता को छोड़ा जाएगा। वन विभाग के अधिकारियों के दल ने नामीबिया की चीता प्रबंधन तकनीक का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। परियोजना के एकीकृत प्रबंधन में कूनो राष्ट्रीय उद्यान के 750 वर्ग किलोमीटर में लगभग दो दर्जन चीतों के रहवास के लिए उपयुक्तता है। इसके अतिरिक्त करीब 3 हजार वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र दो जिलों श्योपुर और शिवपुरी में चीतों के स्वच्छंद विचरण के लिए उपयुक्त है।
विशेष पिछड़ी जनजाति समूह कौशल विकास प्रशिक्षण केन्द्रों का ई-लोकार्पण
प्रधानमंत्री मोदी श्योपुर जिले के कराहल में महिला स्व-सहायता समूहों के सम्मेलन में शिवपुरी, मण्डला, शहडोल और तामिया के विशेष पिछड़ी जनजाति समूह कौशल विकास प्रशिक्षण केन्द्रों का ई-लोकार्पण करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी स्व-सहायता समूहों की बहनों से संवाद कर उद्यमशीलता की जानकारी प्राप्त करेंगे। प्रदेश में महिला सशक्तिकरण और उन्मुखीकरण के लिये म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में तीन लाख 86 हजार स्व-सहायता समूह कार्य कर रहे हैं। इन समूहों से 43 लाख से अधिक परिवार जुड़े हैं। समूहों द्वारा सब्जी उत्पादन, दुग्ध उत्पादन, अगरबत्ती, हैण्डवॉश, साबुन निर्माण, कृषि और पशुपालन आधारित आजीविका गतिविधियाँ और आजीविका पोषण वाटिका के संचालन संबंधी कार्य किये जा रहे हैं।
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