पीएम मोदी ने नामीबिया से लाए चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा
मध्य प्रदेश और देश के लिए शनिवार का दिन इतिहास रचने का दिन है, नामीबिया से 8 चीतों के दल को श्योपुर के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छोड़ दिया है।
![]() पीएम मोदी ने नामीबिया से लाए चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा |
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 72वें जन्मदिन पर पीएम मोदी ने चीतों को 11.30 बजे श्योपुर के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ा। प्रधानमंत्री ने चीतों को छोड़ते समय चीतों को छोड़ते वक्त की फोटो भी खींची।
इन चीतों को हेलीकॉप्टरों के जरिए कूनो ले जाया गया। बताया गया है कि इन चीतों को विशेष तरह से बनाए गए लकड़ी के बॉक्स में लाया गया। इन चीतों को लेकर अफ्रीका के वेटनरी चिकित्सकों का दल भी आया है।
जिन पिंजरों में इन चीतों को लाया गया, उनमें इस तरह की व्यवस्था है कि उन्हें हवा आसानी से मिल सके और सांस आदि लेने में दिक्कत न हो। इन चीतों को विशेष हेलीकॉप्टर से कूनो ले जाया गया। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन पर उन्हें फिर से बसाने के लिए विमुक्त किया।
इसके साथ ही बड़े जंगली जानवरों को पुनर्स्थापित करने की दुनिया की पहली अंतरमहाद्वीपीय परियोजना का शुभारंभ भी किया।
क्यों लाये गये नामीबिया से चीते जानिए
एक रिसर्च के मुताबिक, 1799 से 1968 के बीच कम से कम 230 चीते भारत के जंगलों में थे. भारत में आखिरी बार 1948 में चीता देखा गया था. 1948 में सरगुजा के महाराजा रामानुज प्रताप सिंह देव ने तीन चीतों का शिकार किया था. यही भारत के आखिरी चीते थे। इसी लिए ही भारत के पर्यावरण को बचाने के लिए नामीबिया से चीतों को लाने की जरूरत पड़ी।
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