ग्वालियर विमान हादसा : पायलट सवालों के घेरे में

Last Updated 22 May 2021 09:18:27 AM IST

पिछले दिनों मुम्बई और ग्वालियर के हवाई अड्डों पर हुए हादसों के पीछे किसका हाथ है ? इस बात की जांच नागर विमानन निदेशालय द्वारा की जा रही है। ग्वालियर में हुए हादसे में मध्य प्रदेश सरकार के पचास करोड़ रुपए का सरकारी जहाज़ लैंडिंग के समय टूट गया। इसके लिए राज्य सरकार का एक अनुभवी पायलट सवालों के घेरे में हैं।


ग्वालियर विमान हादसा

सूत्रों के मुताबिक इस सवारी विमान की सीटों को निकाल कर कोविड के जीवन रक्षक इंजेक्शन ‘रेमडेसिविर’ की एक बड़ी खेप इस जहाज में ले जाई जा रही थी। सूत्रों की मानें तो प्राथमिक जांच से यह पता चला है कि इस हादसे के लिए इसके पायलट कैप्टन माज़िद अख्तर ज़िम्मेदार है। दरअसल ऐसे सवारी वाले छोटे विमानों में कार्गो या सामान की ढ़ुलाई करने के लिए यदि विमान की सीटों को निकाला जाता है तो विमान निर्माता व डीजीसीए से विशेष अनुमति लेना अनिवार्य होता है। आपात स्थिति बताकर इस विमान में ऐसा नहीं किया गया था।

गौरतलब है कि इस विमान के पायलट कैप्टन माजिद अख्तर के खिलाफ दिल्ली के ‘कालचक्र समाचार ब्यूरो’ के प्रबंधकीय सम्पादक रजनीश कपूर ने डीजीसीए को कई महीने पहले पत्र लिख कर शिकायत की थी। इसमें कैप्टन माजिद की कार्यपण्राली को लेकर कई सवाल उठाए गए थे। लेकिन न तो उन्हें विमान उड़ाने से रोका गया और न ही शिकायत पर कोई कार्रवाई हुई।

कैप्टन माजिद अख्तर मध्य प्रदेश शासन के पायलट होने के साथ डीजीसीए द्वारा ‘बी 200’ विमान के परीक्षक के पद पर भी नियुक्त थे। इस दौरान उन पर कई गड़बड़ियों के आरोप लगे जिसकी शिकायत भी श्री कपूर द्वारा समय-समय पर डीजीसीए को लिखकर की गई। सूत्रों के मुताबिक कैप्टन माज़िद पर एक और गंभीर आरोप है। डीजीसीए द्वारा दिए गए दिशा निर्देश के तहत किसी भी पायलट या क्रू, जिसने कोविड की वैक्सीन लगवाई हो, उसे अगले 48 घंटे तक उड़ान भरने की मनाही है। लेकिन कैप्टन माजिद अख्तर ने इस नियम की भी धज्जियां उड़ाते हुए 17 मार्च 2021 को कोविड वैक्सीन लगवाने के कुछ ही घंटों बाद मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ उड़ान भरी। इसकी शिकायत डीजीसीए से की गई लेकिन इस शिकायत के बाद भी डीजीसीए ने इन पर कोई कार्रवाई नहीं की?

एसएनबी
नई दिल्ली


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