MP: धर्मांतरित जनजातियों का आरक्षण खत्म करने की मांग

Last Updated 29 Oct 2020 01:45:30 PM IST

मध्य प्रदेश के अनुसूचित जनजाति सुरक्षा मंच ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से धर्मांतरित जनजातियों को अनुसूचित जनजाति की सूची से अलग कर दिए जाने वाले आरक्षण को खत्म करने की मांग की है।


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो)

जनजाति सुरक्षा मंच मध्य प्रदेश के प्रतिनिधि मंडल ने गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से उनके निवास पर मुलाकात की। मंच के प्रतिनिधि मंडल द्वारा मुख्यमंत्री को दिए गए सुझाव पत्र में कहा गया है कि धर्मांतरित जनजातियों को अनुसूचित जनजाति सूची से अलग कर उन्हें दिए जाने वाले आरक्षण को समाप्त करना चाहिए।

जनजाति सुरक्षा मंच के सुझाव पत्र में कहा गया है कि वास्तविक जनजातियों के साथ पूरा न्याय करते हुए उन्हें ही निर्धारित सुविधाएं प्रदान की जाएं। वर्ष 2010 में मंच ने इस विषय पर जनमत संग्रह के लिए एक हस्ताक्षर अभियान चलाया था, जिसमें 27 लाख से अधिक जनजाति वर्ग के लोगों ने हस्ताक्षर किए थे।

प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को बताया कि वर्ष 1970 में तत्कालीन सांसद, जनजाति नेता कार्तिक उरांव ने 235 लोक सभा सदस्यों के हस्ताक्षर से युक्त आवेदन तत्कालीन प्रधानमंत्री को सौंपा था। इस संबंध में अनुसूचित जाति और जनजाति आदेश (संशोधन) विधेयक, 1967 की संयुक्त संसदीय समिति की अनुशंसा में भी धर्मांतरण करने वाले जनजाति के व्यक्तियों को आरक्षण के लिए अपात्र माना गया था।

आईएएनएस
भोपाल


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