मध्य प्रदेश में अब 'गरीब और उद्योगपति' पर तकरार

Last Updated 13 Oct 2020 01:29:56 PM IST

मध्य प्रदेश में विधानसभा के उप-चुनाव में आम जनता से जुड़े मुद्दों पर कम बल्कि दूसरे मुद्दे भाजपा और कांग्रेस के बीच तकरार का कारण बन रहे हैं। अब तो दोनों दलों में गरीब और उद्योगपति जैसे शब्द चुनावी हमले का हथियार बन रहे हैं।


शिवराज सिंह चौहान, कमलनाथ (फाइल फोटो)

राज्य में उप-चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले आम आदमी से जुड़े मुद्दों की चर्चा कहीं ज्यादा थी, मगर मतदान की तारीख करीब आने के साथ ही नए-नए मुद्दे सामने आ रहे हैं। पहले जहां कर्ज माफी बेरोजगारों को रोजगार जैसे मुद्दे हावी रहे तो बाद में खुद्दार-गद्दार, बिकाऊ-बिकाऊ ने जोर पकड़ा, उसके बाद नारियल जैसा विषय तकरार का कारण बना और अब तो गरीब और उद्योगपति पर ही दोनों दल आमने-सामने हैं।

ताजा बयान किसान नेता दिनेश गुर्जर का आया है, जिसमें उन्होंने कमलनाथ को दूसरे नंबर का उद्योगपति बताया, वहीं शिवराज को भूखा-नंगा परिवार से करार दिया। इसे भाजपा ने गरीबों का अपमान बताते हुए चुनावी मुद्दे का रंग देने की कोशिश तेज कर दी है।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस नेता के बयान को गरीबों का अपमान बताया है साथ ही उसे कांग्रेस की मानसिकता का प्रतीक भी।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष शर्मा का कहना है कि कमलनाथ जब छिंदवाड़ा आए थे, तो खाली थैला लेकर आए थे। गरीबों का खून चूसकर उद्योगपति बन गए। प्रदेश के गरीबों के साथ छल किया, भ्रष्टाचार किया और आज अरबपति बन गए हैं। वे क्या जानें गरीबों का दर्द।

कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि किसान नेता दिनेश गुर्जर ने जो बात कही उसे गलत तरीके से प्रचारित किया जा रहा है। उनका कहना है कि कमलनाथ का खेती-किसानी से संबंध नहीं है फिर भी उन्होंने किसानों का कर्ज माफ किया, किसानों का बिजली बिल आधा किया और आम आदमी को सस्ती बिजली उपलब्ध कराई, वहीं शिवराज खुद को गरीब परिवार का किसान बताते हैं, मगर उनके राज में सबसे बुरा हाल किसानों का हुआ है। उनके शासन काल में सबसे ज्यादा आत्महत्या किसानों ने की है, किसानों को फसल का उचित मूल्य नहीं मिला है। यही तो अंतर है कमलनाथ और शिवराज में।

वहीं राजनीतिक विश्लेषक शिव अनुराग पटैरिया का कहना है कि कांग्रेस नेता गुर्जर का बयान कांग्रेस के लिए सेल्फ गोल जैसा है। प्रदेश में जिन हिस्सों में उप-चुनाव हो रहे है, उनमें से अधिकांश वे इलाके हैं जहां 70 से 80 फीसदी आबादी गरीब, किसान और गांव की है।

कांग्रेस के बयान से भाजपा को बैठे बैठाए मुद्दा मिल गया है। भाजपा इसे गांव, गरीब की अस्मिता से जोड़ेगी। कांग्रेस के नेता का यह बयान चुनाव में वैसा ही असर डालेगा जैसा पिछले चुनाव में आरक्षण को लेकर शिवराज के बयान ने डाला था। शिवराज ने आरक्षण को लेकर कहा था कि कोई माई का लाल नहीं छीन सकता आरक्षण। इसके चलते चुनावी फिजां में भाजपा के खिलाफ एक माहौल बन गया था।

आईएएनएस
भोपाल


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