मध्य प्रदेश: उपचुनाव की तारीख का ऐलान टलने से सियासी दलों को राहत

Last Updated 25 Sep 2020 03:07:27 PM IST

चुनाव आयोग मध्य प्रदेश के प्रस्तावित उपचुनाव की तारीखों का चार दिन बाद ऐलान करेगा, इससे यहां के राजनीतिक दलों ने राहत सांस ली है।


चुनाव आयोग ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन बुलाया था, तो संभावना जताई जा रही थी कि बिहार के विधानसभा के चुनाव के साथ मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों के उपचुनावों की तारीखों का भी ऐलान किया जाएगा, मगर ऐसा हुआ नहीं।

बिहार विधानसभा के चुनाव की तारीखों का ऐलान करते हुए आयोग ने कहा है कि कोरोना को लेकर कई राज्यों की ओर से पत्र मिले हैं, इस पर विचार मंथन जारी है और उप-चुनावों की तारीखों का ऐलान 29 सितंबर को किया जाएगा।

चुनाव आयोग द्वारा तारीखों का ऐलान न किए जाने से राज्य के राजनीतिक दलों को आचार संहिता की जद में आने से चार दिन की और मोहलत मिल गई है।

शिवराज सरकार के राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया का कहना है कि, "भाजपा चुनाव के लिए तैयार है, वहीं राज्य के विकास को और गति मिले यही जनता चाहती है, जनता यह भी जानती है कि उसकी इच्छा और सपनों को सिर्फ भाजपा ही पूरा कर सकती है। आगामी उप-चुनाव में कांग्रेस को जनता सबक सिखाएगी, क्योंकि उसने सत्ता में आने के बाद अपने वादों को पूरा नहीं किया था।"

कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि, "कांग्रेस चाह रही है कि जल्दी से जल्दी उपचुनाव हों, क्योंकि राज्य में वर्तमान में अल्पमत की सरकार है। भाजपा लगातार सरकारी कार्यक्रम आयोजित कर घोषणाएं करने में लगी है, उसे घोषणाएं करने का चार दिन का समय और मिल गया है।"

जानकारों की मानें तो दोनों ही दल चुनाव की तारीखों का जल्दी ऐलान न हो ऐसा चाह रहे हैं। इसकी वजह दोनों दलों में बढ़ता असंतोष और खींचतान है।

आईएएनएस
भोपाल


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