मध्य प्रदेश उपचुनाव: उम्मीदवारों की पहली सूची के साथ कांग्रेस में असंतोष

Last Updated 14 Sep 2020 02:05:57 PM IST

मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होते ही कांग्रेस में असंतोष के स्वर मुखरित होने लगे हैं। प्रमुख नेता मंच से पार्टी के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं।


Madhya Pradesh by-election: dissatisfaction in Congress with first list of candidates

राज्य में 27 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होना है, इनमें से 15 सीटों के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची कांग्रेस द्वारा जारी कर दी गई है। इस सूची में दो पूर्व कांग्रेसी जो भाजपा से होते हुए वापस आए हैं, उन्हें उम्मीदवार बनाया गया है, तो वहीं तीन बसपा की पृष्ठभूमि वाले लोगों को मैदान में उतारने का फैसला हुआ है। इसी के चलते पार्टी के भीतर असंतोष पनपने लगा है।

दतिया जिले की भांडेर विधानसभा में आयोजित एक सभा में दावेदारों में से एक पूर्व गृह मंत्री महेंद्र बौद्ध ने पार्टी द्वारा फूल सिंह बरैया को उम्मीदवार बनाए जाने पर सख्त एतराज जताया। उन्होंने बरैया के भांडेर से चुनाव लड़ने पर सवाल उठाए और कहा कि वे भिंड के निवासी हैं, ग्वालियर से चुनाव लड़ चुके हैं, अन्य किसी स्थान से उन्हें लड़ाए जा सकता था क्योंकि वह राष्ट्रीय स्तर के नेता हैं, मगर भांडेर से उम्मीदवार बनाया जाना न्याय उचित नहीं है। इस मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी मौजूद थे।

इसी तरह के मामले कई अन्य विधानसभा क्षेत्रों से भी सामने आने लगे है, क्योंकि कई नेता दूसरे दल छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं और उन्हें इस पार्टी ने उम्मीदवार बना दिया है और आगामी समय में कई दल-बदल करने वालों को उम्म्मीदवार बनाया जा सकता है।

कांग्रेस के पनप रहे असंतोष के मसले पर प्रदेश इकाई के प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि कांग्रेस लोकतांत्रिक दल है, यहां सभी को अपनी बात कहने की आजादी है लिहाजा नेता अपनी बात कहते हैं। यह स्थिति भाजपा में नहीं है। कोई नेता अपनी बात कह भी नहीं सकता। कांग्रेस पार्टी सर्वेक्षण कराने के बाद उम्मीदवार तय कर रही है और आगामी उप चुनाव में यह नजर भी आएगा कि पार्टी के फैसले कितने सही थे।

राजनीतिक विश्लेषक रवींद्र व्यास का कहना है कि कांग्रेस का बड़ा हथियार भाजपा पर हमला करने का दल-बदल है, अब वह भी दल बदल करने वालों को उम्मीदवार बना रही है, ऐसे में पार्टी के भीतर जहां असंतोष पनपना लाजिमी है वहीं भाजपा को हमला करने का भी मौका मिलेगा, साथ ही कांग्रेस के दल-बदल के हमले की धार भी कमजोर होगी।

आईएएनएस
भोपाल


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