सागर में जिंदा जलाए गए युवक की दिल्ली के अस्पताल में मौत, विपक्ष ने सरकार को घेरा

Last Updated 23 Jan 2020 04:36:16 PM IST

मध्य प्रदेश के सागर जिले में पिछले सप्ताह कुछ लोगों द्वारा आग लगाने से गंभीर रूप से घायल हुए 24 वर्षीय दलित युवक की गुरुवार सुबह दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हो गई।


(प्रतीकात्मक तस्वीर)

घटना को लेकर प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी दल भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।  

इस घटना के बाद भाजपा ने आरोप लगाया था कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार की तुष्टिकरण की नीति के चलते इस मामले में दलित युवक की फरियाद पर समय पर कार्रवाई नहीं की गई। वहीं, कांग्रेस ने भाजपा नेताओं पर संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया।  

सागर शहर के मोतीनगर थाना क्षेत्र में रहने वाले धनप्रसाद अहिरवार (24) को उसके पड़ोसियों छुट्टू, अज्जू पठान, कल्लू और इरफान ने 14 जनवरी को केरोसिन डाल कर आग लगा दी थी। आरोपी बच्चों के विवाद में धनप्रसाद द्वारा की गई शिकायत के मामले में उस पर राजीनामा करने का दबाव डाल रहे थे। धनप्रसाद ने घटना के पहले पुलिस को कई बार आरोपियों से जान का खतरा होने की शिकायत की थी। लेकिन पुलिस द्वारा उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।  

आरोपियों द्वारा आग लगाने से 70 प्रतिशत जली हालत में अहिरवार को सागर में प्रारंभिक उपचार के बाद भोपाल रेफर किया गया। इसके बाद उसे इलाज के लिये एयर एम्बुलेंस द्वारा दिल्ली ले जाया गया जहां गुरुवार को उसकी मौत हो गई।   

अहिरवार की मौत की पुष्टि करते हुए सागर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अमित सांघी ने बताया कि एफआईआर में नामजद सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।  

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अहिरवार की मौत पर दुख: व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, ‘‘सागर निवासी युवक धनप्रसाद अहिरवार की दिल्ली में इलाज के दौरान मौत का समाचार प्राप्त हुआ। परिवार के प्रति मेरी शोक संवेदनाएं। दु:ख की इस घड़ी में परिवार के साथ सरकार खड़ी है। परिवार की हर संभव मदद के निर्देश।’’  

वहीं दूसरी ओर विधानसभा में विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने अहिरवार की मौत के लिये प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया।

भार्गव ने कहा, ‘‘मैं भोपाल में पीड़ित और परिवार से मिला। वह मदद मांगने के लिए पुलिस के पास गए थे। यदि पुलिस ने समय पर कार्रवाई की होती तो पीड़ित की जान बचाई जा सकती थी। एक गरीब दलित परिवार ने प्रशासन और सरकार की उदासीनता के कारण अपने बेटे को खो दिया।’’ 

इस घटना के बाद प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा था कि अहिरवार तीन बार पुलिस के पास गये थे कि उनकी जान को खतरा था लेकिन उन्हें पुलिस की कोई मदद नहीं मिली।
सिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की नेतृत्व वाली सरकार की वोट बैंक की राजनीति और तुष्टिकरण की नीति के कारण अहिरवार की आशंकाओं पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की।   

दूसरी ओर कांग्रेस ने भाजपा नेताओं पर संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया।

प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने कहा, ‘‘पुलिस ने समय पर कार्रवाई की और सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर पीड़ित को बेहतर इलाज के लिये दिल्ली भेजा गया। अब, भाजपा झूठ बोलकर माहौल खराब करने की कोशिश कर रही है।’’

भाषा
भोपाल


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