मध्य प्रदेश में हनी ट्रैप के 4000 वीडियो!
मध्य प्रदेश के हनी ट्रैप में फंसे राजनेताओं और अधिकारियों की संख्या का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि हाईकोर्ट में 4000 वीडियो और 90 ओडियो सीडी की सामग्री जमा कराई गई है।
मध्य प्रदेश में हनी ट्रैप |
यह सामग्री 65 जीबी की हार्ड डिस्क में हाईकोर्ट को जनहित याचिका के जरिए देने वाले व्यक्ति ने दावा किया है कि इस मामले की जांच करने वाली एसआईटी ने सरकार को जो सामग्री दी थी, वह लीक हो गई थी। जिस दिग्विजय सिंह नाम के व्यक्ति ने यह सामग्री कोर्ट को दी है उसके वकील मनोहर दलाल ने पूछने पर कहा कि इस मामले में लीपापोती का अंदेशा था इसलिए शनिवार शाम को जनहित याचिका दायर की गई।
उन्होंने बताया कि वीडियो और ओडियो में जिन प्रतिष्ठित व्यक्तियों का उल्लेख है उन्हें भी हनी ट्रैप मामले में आरोपी बनाने का कोर्ट से आग्रह किया गया है। वरिष्ठ वकील दलाल के अनुसार याचिका में कहा गया है कि इन प्रतिष्ठित व्यक्तियों पर रिश्वत के पैसे से अय्याशी के लिए भ्रष्टाचार और रेप का मामला बनता है। सुप्रीम कोर्ट के पुराने दृष्टांत का हवाला देकर हाईकोर्ट से कहा गया है कि एसआईटी की जांच असल आरोपियों को बचाने वाली है, लिहाजा इस मामले की सीबीआई जांच कराई जाए। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट को जो ओडियो-वीडियो सामग्री दी गई है वह लगभग 16 घंटे की है। इसमें हनी ट्रेप के सारे सबूत हैं, पकड़ी गई महिलाओं, उनके पति एवं अन्य स्थानों से एसआईटी ने जमा किए थे। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह वर्गीकृत करके बता सकते हैं कि कितने राजनेताओं-अधिकारियों के ओडियो-वीडियो हैं तो उन्होंने कहा कि हर ओडियो-वीडियो की अवधि कम से कम 40 मिनट की है इसलिए सभी नहीं देखे जा सके हैं। उन्होंने कहा कि तीन देखे गए थे और उन तीनों का अखबार में प्रकाशन किया गया था। हाईकोर्ट की इंदौर पीठ में सोमवार को इस मामले को सुना गया लेकिन फैसला मंगलवार की सुबह आएगा। वकील ने बताया कि उन्होंने कोर्ट से कहा है कि अगर फोटो से प्रतिष्ठित व्यक्तियों की मानहानि होती है तो उन्हें अखबार में हनी ट्रैप मामले का एक्सक्लूसिव विवरण छापने दिया जाए।
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