मप्र : चुनावी नतीजे से पहले 800 करोड़ का कर्ज! उठा सवाल

Last Updated 05 Dec 2018 12:44:28 AM IST

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले मौजूदा सरकार 800 करोड़ रुपये का कर्ज लेने जा रही है। इस पर कांग्रेस ने सवाल उठाया है।


भाजपा के प्रवक्ता राहुल कोठारी (file photo)

पार्टी ने पूछा है कि आखिर ऐसी क्या जरूरत पड़ गई कि नया जनादेश आने से पहले सरकार को कर्ज लेना पड़ रहा है, क्या छह-सात दिन इंतजार नहीं कर सकती थी? पौने दो लाख करोड़ का कर्ज तो पहले से है ही। राज्य सरकार के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अधूरे पड़े कार्यो को पूरा कराने के लिए बाजार से 800 करोड़ रुपये का कर्ज लेना पड़ रहा है। यह कर्ज अगले 10 साल के लिए होगा।

राज्य पर लगभग पौने दो लाख करोड़ रुपये का कर्ज पहले से है, अब और 800 करोड़ रुपये का कर्ज लिया जा रहा है।

भाजपा के प्रवक्ता राहुल कोठारी ने संवाददाताओं से कहा कि राज्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर यह कर्ज लिया जा रहा है। वर्तमान सरकार का लक्ष्य समाज के हर वर्ग के लिए काम करना रहा है और लगातार यह क्रम जारी है।



वहीं, कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा ने कहा, "यह सरकार जाते जाते राज्य को और कर्जदार बनाने पर तुली है। नया जनादेश आने वाला है, तो ऐसे में कर्ज लेने का औचित्य नहीं बनता। यह सरकार जा रही है, इसलिए कर्ज ले रही है। वह तो कर्ज लेकर चली जाएगी, मगर इसका भार प्रदेश की जनता पर पड़ेगा।"

राज्य में 28 नवंबर को मतदान हो चुका है और मतगणना 11 दिसंबर को होने वाली है। सरकार एक तरफ बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक करने वाली है तो दूसरी तरफ 800 करोड़ रुपये का कर्ज ले रही है। कांग्रेस ने सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाया है और निर्वाचन आयोग से शिकायत भी की है, क्योंकि इस समय आचार संहिता लागू है।

आईएएनएस
भोपाल


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