ब्लू व्हेल गेम के फेर में तीसरी मंजिल से कूदने जा रहे इंदौर के छात्र को लेकर अब भी शहर सदमे में

Last Updated 11 Aug 2017 02:58:03 PM IST

मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में जानलेवा मोबाइल गेम ब्लू व्हेल के फेर में एक छात्र ने अपने स्कूल की तीसरी मंजिल से छलांग लगाकर कथित तौर पर खुदकुशी की कोशिश की.


छात्र ने की खुदकुशी की कोशिश (फाइल फोटो)

मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में जानलेवा मोबाइल गेम ब्लू व्हेल के फेर में तीसरी मंजिल से कूदने जा रहे सातवीं कक्षा के छात्र को साथियों द्वारा बचा लेने के बाद भी अभी तक न केवल उससे जुड़े लोग बल्कि इंदौर शहर के लोग सदमे से उबर नहीं पाए हैं.
              
राजेन्द्र नगर पुलिस भी कल सामने आए संभवत: प्रदेश के पहले और देश के दूसरे ऐसे मामले में विद्यालय प्रबंधन की शिकायत के बाद तेजी से जांच में जुट गई है.

पुलिस और मनोचिकित्सकों दोनों ने ही इस जानलेवा हादसे के टलने के बाद अभिभावकों को बच्चों से सतत संवाद बनाए रखने और उन्हें ऑनलाइन गेम के इस मकड़जाल से दूर रहने की सलाह दी है.
              
मध्यप्रदेश पुलिस सहायता केंद्र के संयोजक इंदौर निवासी ज्ञानेंद्र पुरोहित ने कहा कि इंदौर जैसे शहर में इस प्रकार का मामला सामने आना खतरनाक संकेत है. बच्चों और अभिभावकों के बीच बढती दूरी ऐसे मामलों का एक प्रमुख कारण बनती है. ऑनलाइन दुनिया में डूब रहे बच्चों को अगर समय रहते इस आभासी दुनिया से दूर नहीं किया गया तो खतरा बहुत दूर नहीं होगा.
               
वहीं महाराजा यशवंत राव शासकीय चिकित्सालय के मनोचिकित्सक डॉ रामगुलाम राजदान ने कहा कि ऐसे ऑनलाइन गेम बच्चों की मनोवृत्ति पर गहरा आघात पहुंचा रहे हैं. ऐसे गेमर्स बच्चों को जीतने पर पुरस्कार का पल्रोभन देकर, प्रतिस्पर्धा का मंच प्रदान कराकर, उनकी क्षमताओं को चुनौती देते हैं, जिसमें उलझकर बच्चे मुग्ध तनावग्रस्त हो जाते हैं. मस्तिष्क की चैतन्यता शून्य होने की अवस्था मे वे हादसे का शिकार भी हो सकते हैं.

राजदान ने अभिभावकों को सलाह देते हुए कहा कि बच्चों को ऐसे ऑनलाइन गेम से दूर रखना चाहिए. अभिभावकों को बच्चों से सतत संपर्क में रहकर उनकी रुचि-अरुचि पर बात करनी चाहिए.
             
पुलिस सूाों ने बताया कि प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर के एक प्रतिष्ठित विद्यालय के 7 वीं कक्षा के एक छा ने गुरुवार दोपहर अपने स्कूल की तीसरी मंजिल से छलांग लगाने का प्रयास किया था. सहपाठियों और शिक्षकों ने उसे समय रहते देख लिया, जिसके चलते छा की जान बच गई.
              
विद्यालय प्रबंधन ने फौरन पुलिस से इस मामले की शिकायत की. शुरुआती जांच में पुलिस को प्राप्त जानकारी अनुसार 14 साल का ये छात्र मोबाइल पर ब्लू व्हेल नाम का ऑनलाइन गेम खेल रहा था, गेम के कर्ताधर्ताओं ने खेल जीतने के लिए उसे जो निर्देश दिए, उन्हीं के तहत छात्र तीसरी मंजिल से छलांग लगाने का प्रयास कर रहा था.

इंदौर जिले के अग्रणी महाविद्यालय माता जीजाबाई शासकीय स्नातकोत्तर कॉलेज की प्राध्यापक और 13 वर्ष के एक बच्चे की मां श्रद्धा दुबे शुक्ला ने कहा कि इस खबर के सामने आने के बाद से वे स्वयं सदमे में हैं. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस घटना के सामने आने के बाद अब उन्होंने अपने बच्चे से और खुला संवाद करने का फैसला किया है.

शुक्ला ने कहा कि बच्चों की हर समय निगरानी रखना संभव नहीं हो सकता, गैजेट्स को लेकर बच्चों का खुलापन बढता जा रहा है. कल की घटना किसी के भी साथ हो सकती है, ऐसे में सावधानी रखना ही एकमा समाधान है.
            
जानकारों के मुताबिक ब्लू व्हेल गेम एप के शुरुआती चरणों में खेलने वाले को सरल और आसान लक्ष्य दिए जाते हैं, जिन्हें पूरा करने के बाद आगे के चरणों में ब्लैकमेलिंग जैसे मामले सामने आते हैं. गेम के कर्ताधर्ताओं के चंगुल में फंसे किशोरों और बच्चों को ब्लैकमेल करते हुए उनके माता-पिता को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी जाती है, जिसके फेर में आकर बच्चे आत्मघाती कदम उठाने पर भी मजबूर हो जाते हैं.
               
इंदौर में अपनी तरह के इस पहले मामले में पुलिस सभी पहलुओं पर बारीकी से जांच कर रही है.
 

 

वार्ता


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