भाजपा सांसद ज्योति धुर्वे को फर्जी जाति प्रमाण-पत्र मामले में राहत
मध्य प्रदेश के बैतूल संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद ज्योति धुर्वे को फर्जी जाति प्रमाण-पत्र मामले में बड़ी राहत मिल गई है.
भाजपा सांसद ज्योति धुर्वे (फाइल फोटो) |
उच्चस्तरीय छानबीन समिति ने अपने पूर्व फैसले को स्थगित करते हुए धुर्वे की ओर से प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों के आधार पर पुर्नविचार का फैसला किया है. उल्लेखनीय है कि बुधवार को जनजाति विभाग की आयुक्त और छानबीन समिति की सचिव दीपाली रस्तोगी ने एक आदेश जारी कर धुर्वे के जाति प्रमाण-पत्र को रद्द करते हुए जिलाधिकारी बैतूल को वैधानिक कार्रवाई के निर्देश दिए थे.
सांसद का जाति प्रमाण-पत्र पर रद्द किए जाने के आदेश के बाद पार्टी से लेकर सरकार तक में हड़कंप मच गया था और आनन-फानन में किसी तरह आदेश में बदलाव की कोशिशें शुरूहो गई थीं. इस फैसले के बाद कांग्रेस भी हमलावर हो गई थी.
बैतूल से विधायक हेमंत खंडेलवाल ने रविवार को आईएएनएस से कहा, "सामान्य प्रशासन विभाग में नियम है कि कोई भी व्यक्ति उच्चस्तरीय छानबीन समिति के फैसले के खिलाफ अपील कर सकता है. लिहाजा, धुर्वे ने शनिवार को नए दस्तावेजों के साथ अपील की है, जिसके आधार पर उन्हें छानबीन समिति से स्थगन मिल गया है और समिति अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगी."
गौरतलब है कि धुर्वे बैतूल संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं. यह क्षेत्र अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है. बैतूल निवासी शंकर पेंडाम की ओर से उच्च न्यायालय में धुर्वे की जाति को लेकर याचिका दायर की गई थी.
धुर्वे पर आरोप था कि वह अनुसूचित जनजाति वर्ग से नहीं है, लेकिन उन्होंने फर्जी प्रमाण-पत्र के आधार पर चुनाव लड़ा है. इस पर न्यायालय ने उच्चस्तरीय समिति से जांच के निर्देश दिए थे.
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