बड़वानी में शराबबंदी को लेकर महिलाओं ने छेड़ी अनोखी मुहिम
मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में महिलाओं ने शराबबंदी को लेकर अनोखी मुहिम छेड़ रखी है.
(फाइल फोटो) |
बड़वानी जिले के रणगांव में महिलाएं शाम को थाली और घंटी लेकर निकल पड़ती हैं. शराबबंदी को लेकर उनका कहना है कि ऐसा करने से शराब पीने वाले या तो जगह छोड़ देते हैं या फिर शराब.
न सिर्फ गांव में शराब बनाने और बेचने का काम पूरी तरह बंद किया गया है बल्कि शराब पीने वालों की संख्या में भी कमी आई है. लगभग चार हजार की आबादी वाले इस गांव में लोग शराबबंदी को लेकर बहुत परेशान थे. गांव के बड़े तो बड़े, बच्चे भी शराब के आदी होते जा रहे थे.
गांव में कई स्थानों पर शराब बनायी और बेची जाती थी. शराब पीने के कारण गांव में महिलाओं से आए दिन मारपीट होती रहती थी. आखिरकार इन सब से परेशान पूरे गांव की महिलाओं ने शराबबंदी को लेकर मोर्चा खोल दिया.
गांव की इन महिलाओं ने एक अनोखी पहलकर गांव में शराबबंदी को लागू करवा दिया. महिलाओं ने पहले तो घर-घर जाकर शराब बनाने, बेचने और पीने वालों को समझाइश दी. उसके बाद तय किया कि जो भी शराब बनाता, बेचता या पीता पकड़ा गया उस से 5 हजार का दंड वसूला जाएगा.
गांव की 30 से 40 महिलाएं गांव की गलियों में शाम को थाली और घंटी लेकर निकल पड़ती हैं. महिलाएं थाली और घंटी को बजाती हैं जिससे मालूम पड़ सके कि शराब बंदी करने वाली महिलाएं आ गई हैं. जैसे ही घण्टी थाली की आवाज आती है गांव की बाकी महिलाएं निकलकर इनके साथ हो जाती हैं. वहीं दूसरी ओर शराब पीने वाले या तो भाग खड़े होते हैं या फिर वह शराब पीना बन्द कर देते हैं.
महिलाओं द्वारा किए गए इस अनोखी पहल के परिणाम भी नजर आने लगे हैं. गांव की एक महिला सुराज बाई का कहना है, "शराबबंदी से पहले उसका पति शराब पीने का आदी था और रोज शराब पीकर मारपीट करता था यहां तक कि अनाज और घर के बर्तन भी शराब पीने के लिए बेच देता था. लेकिन अब शराबबंदी के बाद उसमें सुधार आया है और वह शराब नहीं पी रहा है."
गांव के पूर्व सरपंच संतोष चौहान का कहना है कि महिलाओं की इस अनोखी पहल से गांव में शांति का माहौल है और आसपास के लोग भी शराबबंदी की बात से प्रभावित होकर उनके पास आते हैं और अपने गांव में शराब बंदी लागू करने की बात कहते हैं.
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