गंगा को स्वच्छ करने में तकनीकी वजह से 8 माह का विलंब होगा : उमा भारती
केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने सोमवार को कहा कि गंगा नदी को साफ करने के लिये तय की गयी पहली समय सीमा में कुछ तकनीकी कारणों की वजह से लगभग 8 माह का विलंब होगा.
(फाइल फोटो) |
भारती ने भोपाल में अपने निवास पर संवाददाताओं से कहा, ‘गंगा नदी को साफ करने के लिये तय की गयी पहली समय सीमा में लगभग 8 माह का विलंब होगा, क्योंकि पर्यावरण और इससे जुड़े विषयों से निपटने के लिये पहले बनायी गयी समिति के पास अधिकार ही नहीं थे.’
उन्होंने कहा, ‘हालांकि इस बात का अहसास होते ही केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने गंगा नदी जीर्णोद्वार, संरक्षण और प्रबंधन प्राधिकरण 2016 का गठन किया है तथा इसे पर्यावरण और उससे जुड़े विषयों से निपटने हेतु अधिकार संपन्न भी बनाया गया है.’ एक सवाल के जवाब में भारती ने कहा कि गंगा और नर्मदा नदी की परस्पर तुलना नहीं की जा सकती है, क्योंकि नर्मदा वि की सबसे स्वच्छ नदियों में से एक है तो गंगा वि की सर्वाधिक 10 प्रदूषित नदियों में से एक है.
उन्होंने कहा कि वाराणसी, इलाहाबाद और कानपुर शहरों सहित अनेक शहरों का सीवेज, उद्योगों और पंचायतों का प्रदूषित जल सीधे गंगा नदी में मिलता है. इससे गंगा नदी सर्वाधिक प्रदूषित होती है. केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि सिंचाई और पीने के पानी की उपलब्धता बढ़ाने के लिये तालाबों को आपस में जोड़ने के तेलंगाना के ककातिया मिशन के अध्ययन के लिये एक समिति का गठन किया गया है, ताकि पानी की भयंकर कमी से जूझ रहे बुदेलखंड क्षेत्र में भी इसी प्रकार की योजना लागू की जा सके.
नर्मदा नदी के संरक्षण हेतु मध्यप्रदेश में चल रही नर्मदा सेवा यात्रा के सवाल पर उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस प्रयास की प्रशंसा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को यह सुनिश्चित करना चाहिये कि नर्मदा नदी और अगली पीढ़ियों की भविष्य के लिये नर्मदा के दोनों किनारों पर योजना अनुसार फलदार पौधों का रोपण किया जाये.
| Tweet |