Jharkhand Cabinet Expansion: कैबिनेट विस्तार के बाद कांग्रेस में घमासान, 11 विधायकों ने दी बहिष्कार की धमकी

Last Updated 17 Feb 2024 09:27:54 AM IST

Jharkhand Cabinet Expansion: झारखंड में चंपई सोरेन कैबिनेट का विस्तार तो हो गया है, लेकिन इसके साथ ही सरकार में दूसरी सबसे बड़ी साझीदार कांग्रेस का आंतरिक कलह सतह पर आ गया है।


Jharkhand Cabinet Expansion

सरकार की अगुवाई कर रही झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक वैद्यनाम राम ने भी मंत्रियों की सूची में अपना नाम काटे जाने पर बागी तेवर अपना लिया है।

कैबिनेट में कांग्रेस कोटे से जिन चार लोगों को जगह मिली है, वे पूर्व की हेमंत सोरेन सरकार में भी मंत्री थे। इससे कांग्रेस के 11 विधायक नाराज हैं। उन्होंने पार्टी नेतृत्व को दो-टूक कह दिया है कि कैबिनेट से इन चारों को हटाकर नए चेहरों को मंत्री नहीं बनाया गया तो वे विधानसभा के बजट सत्र का बहिष्कार करेंगे।

नाराज विधायकों ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को एक पत्र भी सौंपा है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर दबाव बनाने के लिए कांग्रेस के नाराज विधायक एक साथ राज्य से बाहर भी जा सकते हैं। इन विधायकों का कहना है कि हेमंत सोरेन की सरकार में शामिल इन चारों मंत्रियों की परफॉर्मेंस बेहद खराब रही है।

उन्होंने चार साल में कभी पार्टी के दूसरे विधायकों की नहीं सुनी। कार्यकर्ताओं से दूरी बनाए रखी। इन्हें हटाने की मांग हेमंत सरकार के ही कार्यकाल से होती रही है, लेकिन अब फिर से बनी कैबिनेट में उन्हें जगह दी गई है, अगर बदलाव नहीं हुआ तो आगामी चुनावों में पार्टी को काफी नुकसान होगा।

नाराज विधायकों ने एकजुटता बनाए रखने के लिए कई दौर की मीटिंग की है। नाराज चल रहे विधायकों में कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह, राजेश कच्छप, इरफान अंसारी, उमाशंकर अकेला, रामचन्द्र सिंह, नमन विक्सल कोनगाड़ी, दीपिका पांडेय सिंह, अंबा प्रसाद, सोनाराम सिंकू, शिल्पी नेहा तिर्की, भूषण बाड़ा शामिल हैं।

इधर झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक बैद्यनाथ राम भी सख्त नाराज हैं। उनका नाम शपथ लेने वाले मंत्रियों की सूची में शामिल किया गया था, लेकिन कांग्रेस की आपत्ति की वजह से शपथ ग्रहण समारोह के करीब एक घंटे पहले उनका नाम काट दिया गया।

दरअसल, झारखंड में कैबिनेट में अधिकतम 12 मंत्री हो सकते हैं। हेमंत सोरेन की सरकार में 11 मंत्री ही थे। 12 वें मंत्री के खाली बर्थ पर कांग्रेस दावा करती रही है। इस बार भी जब शपथ लेने वाले मंत्रियों के नामों की सूची सामने आई तो कांग्रेस ने 12वें मंत्री पद के लिए दबाव बढ़ा दिया और इस वजह से आखिरी क्षणों में बैद्यनाथ राम को ड्रॉप कर 12वां बर्थ खाली रखा गया है।

बैद्यनाथ राम ने कहा है कि यह उनका ही नहीं, दलित समुदाय का अपमान है। कैबिनेट में दलित समुदाय का एक भी मंत्री नहीं है। अगर पार्टी नेतृत्व ने दो दिनों में सकारात्मक निर्णय नहीं लिया तो वे कड़ा फैसला लेने को बाध्य हो जाएंगे।

आईएएनएस
रांची


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