PM Modi Jharkhand Visit: पीएम मोदी पहुंचे बिरसा मुंडा के पैतृक गांव उलिहातु, किसान सम्मान की 15वीं किस्त की जारी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को झारखंड के खूंटी जिले में स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू का दौरा किया और उनकी जयंती पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। उनकी जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है।
मोदी ने खूंटी में बिरसा मुंडा की जन्मस्थली का किया दौरा |
उलिहातू का दौरा करने वाले पहले प्रधानमंत्री मोदी का स्थानीय लोगों ने ढोल और मांदर जैसे पारंपरिक वाद्ययंत्रों की धुन पर नृत्य करते हुए गर्मजोशी के साथ स्वागत किया।
यात्रा के दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन और केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा भी मौजूद रहे।
बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद मोदी ने स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को याद किया।
इसके बाद उन्होंने आदिवासी किंवदंती के वंशजों से बातचीत की।
प्रधानमंत्री ने बिरसा मुंडा के जन्मस्थान की मिट्टी को पवित्र बताते हुए उससे ‘तिलक’ भी लगाया।
PM ने कमजोर जनजातीय समूहों के विकास के लिए 24 हजार करोड़ रु की परियोजनाएं शुरू कीं
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने झारखंड के खूंटी से विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के विकास के लिए 24,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की शुरुआत की।
मोदी ने आदिवासियों के गौरव के प्रतीक बिरसा मुंडा की जयंती और तीसरे 'जनजातीय गौरव दिवस' के अवसर पर झारखंड के खूंटी जिले के बिरसा कॉलेज मैदान से ‘प्रधानमंत्री विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह’ (पीएम पीवीटीजी) मिशन की शुरुआत की जिसके दायरे में लगभग 28 लाख पीवीटीजी आएंगे।
आधिकरिक बयान के अनुसार, मिशन के तहत पीवीटीजी क्षेत्रों में सड़क और दूरसंचार कनेक्टिविटी, बिजली, सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण तक बेहतर पहुंच तथा टिकाऊ आजीविका के अवसर जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
मोदी ने देश भर के आठ करोड़ से अधिक लाभार्थी किसानों को पीएम किसान योजना की 15वीं किस्त के रूप में 18,000 करोड़ रुपये भी जारी किए।
प्रधानमंत्री ने तीसरे जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर यहां एक बटन दबाकर डिजिटल रूप से राशि हस्तांतरित की।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) दुनिया की सबसे बड़ी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजनाओं में से एक है, जिसका उद्देश्य किसानों को उनकी कृषि और अन्य आकस्मिक जरूरतों को पूरा करने में सहायता करना है।
योजना के तहत लाभार्थी किसानों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये की वित्तीय सहायता तीन समान किस्तों में डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की जाती है।
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