भाजपा के समर्थन से सीएम बनने वाले लालू यादव और नीतीश कुमार आज मुझे गद्दार कह रहे हैं- जीतन राम मांझी

Last Updated 22 Jun 2023 03:13:05 PM IST

एनडीए गठबंधन में शामिल होने पर जेडीयू और आरजेडी की तरफ से आलोचना का सामना कर रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हम के संस्थापक संरक्षक जीतन राम मांझी ने पलटवार किया है।


एनडीए गठबंधन में शामिल होने पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हम के संस्थापक संरक्षक जीतन राम मांझी ने पलटवार करते हुए कहा है कि भाजपा के समर्थन के बल पर बिहार में मुख्यमंत्री बनने वाले लालू यादव और नीतीश कुमार की पार्टी उन्हें गद्दार कह रही है, यह बेईमानी नहीं तो क्या है?

एनडीए में शामिल होने के अगले दिन गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए मांझी ने कहा कि 1990 में लालू यादव भाजपा के समर्थन से बिहार के मुख्यमंत्री बने थे, नीतीश कुमार एनडीए की सरकार में केंद्र में रेल मंत्री बने थे और भाजपा के समर्थन से कई बार बिहार के मुख्यमंत्री बने तब सब कुछ ठीक था। लेकिन, आज जब उन्होंने नीतीश कुमार द्वारा महागठबंधन से बाहर किए जाने के बाद एनडीए में शामिल होने का फैसला किया तो उन्हें गद्दार कहा जा रहा है, यह बेईमानी नहीं तो क्या है?

मांझी ने कहा कि उन पर जासूसी का आरोप लगाने वाले नीतीश कुमार ने स्वयं यह कहा कि, उन्होंने मुझे अपनी पार्टी का जेडीयू में विलय करने या महागठबंधन से बाहर जाने को कहा था तो सोचिए अगर मसला जासूसी का था तो क्या जेडीयू में विलय करने के बाद भी यह खतरा नहीं रहता। इसका मतलब स्पष्ट है कि उन्होंने गलत आरोप लगाया, अविश्वास किया। जबकि, जासूसी करना उनका स्वभाव नहीं है।

विपक्षी दलों को एकजुट करने की नीतीश कुमार की मुहिम पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों की एकता होना संभव नहीं है। क्योंकि, सभी नेताओं की अपनी-अपनी महत्वाकांक्षा है। कर्नाटक में जीतने के बाद कांग्रेस की महत्वाकांक्षा भी बढ़ गई है और वह किसी दूसरे दल के नेता का नेतृत्व स्वीकार नहीं करेगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि आज नरेंद्र मोदी के सामने विपक्ष के पास कोई नेता नहीं है।

विपक्षी एकता के लिए पटना में होने वाली बैठक से पहले नीतीश कुमार के करीबी मंत्री विजय चौधरी के रिश्तेदारों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के छापे का समर्थन करते हुए मांझी ने कहा कि विपक्ष जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगा रही है। लेकिन, वह गलत है। आखिर उनके यहां कभी छापा क्यों नहीं पड़ा? रेड उन्हीं लोगों के यहां हो रही है, जिन्होंने गलत तरीके से पैसा बनाया है और जहां से बड़े पैमाने पर रुपये की बरामदगी की आशंका है।

मांझी ने कहा कि वह अपनी पार्टी का स्वतंत्र अस्तित्व बनाए रखना चाहते थे। इसलिए, नीतीश कुमार की विलय की शर्त को स्वीकार नहीं कर सकते थे। भाजपा ने उन्हें सहयोगी दल के तौर पर स्वीकार किया और इसलिए वे एनडीए में शामिल हुए हैं।

आईएएनएस
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment