झारखंड के नगर निकायों में एसटी आरक्षण के मसले पर फंसा पेंच, टल गए चुनाव

Last Updated 24 Nov 2022 01:33:44 PM IST

झारखंड में नगर निकायों में अनुसूचित जनजाति के लिए एकल आरक्षण के मुद्दे पर पेंच फंसने की वजह से अगले महीने प्रस्तावित चुनाव टल गए हैं।


राज्य के सभी 48 नगर निकायों में चुनाव कराने के राज्य निर्वाचन आयोग के प्रस्ताव पर राज्यपाल की सहमति मिल गई थी। इसके अनुसार 23 नवंबर तक अधिसूचना जारी कर दी जानी थी। माना जा रहा है कि अब नए सिरे से चुनाव का कार्यक्रम तय होने में तीन से चार महीने का वक्त लग सकता है। राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निकाय बिल 2021 के आलोक में नए नियमों के अनुसार चुनाव के लिए जो आरक्षण रोस्टर प्रकाशित किया था उसमें अनुसूचित क्षेत्र के कई नगर निकायों में एकल पदों पर जनजातीय समुदाय (एसटी ) के लिए आरक्षण खत्म कर दिया गया था। इसे लेकर रांची सहित कई जगहों पर जनजातीय समाज की ओर से विरोध के तीव्र स्वर उठने लगे।

इस बीच इस मुद्दे पर बुधवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित झारखंड की ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल (टीएसी) की बैठक हुई, जिसमें राय बनी कि जनजातीय बहुल आबादी वाले अनुसूचित क्षेत्रों में एसटी आरक्षण को पूर्ववत कायम रखा जाना चाहिए। तय हुआ कि इस संबंध में महाधिवक्ता से परामर्श लिया जाएगा और राज्य कैबेनिट की मंजूरी के बाद केंद्र सरकार को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा जाएगा। जाहिर है, केंद्र की मंजूरी के बाद ही इस संबंध में निर्णय होगा और उसके बाद नगर निकायों के चुनाव कराए जा सकेंगे।

बता दें कि भारतीय संविधान की पांचवीं अनुसूची के तहत भारत के राष्ट्रपति द्वारा जारी आदेश के अनुसार झारखंड सहित देश के 10 राज्यों को अनुसूचित क्षेत्र घोषित किया गया है। इन राज्यों में एक ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल (टीएसी) का गठन किया जाता है, जो अनुसूचित जनजातियों के कल्याण और उन्नति से संबंधित मामलों पर सरकार को सलाह देती है। इस संवैधानिक निकाय का महत्व इसी बात से समझा जा सकता है कि इसे आदिवासियों की मिनी एसेंबली के रूप में जाना जाता है। नगर निकाय में आरक्षण पर इसी मिनी एसेंबली ने हस्तक्षेप किया है और इस वजह से नगर निकाय चुनाव अगले कुछ महीनों के लिए टल गए हैं।

आईएएनएस
रांची


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