धनबाद के कोयला क्षेत्रों में लगी आग और अंदर से खोखली होती जमीन की वजह से बुधवार की देर शाम फिर एक बड़ा हादसा सामने आया। भारत कोकिंग कोल लिमिटेड के सिजुआ क्षेत्रअंतर्गत मोदीडीह कोलियरी क्षेत्र में एक मस्जिद अचानक जमींदोज हो गयी।
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सुखद संयोग यह रहा कि उस वक्त मस्जिद में कोई मौजूद नहीं था। हादसे के लगभग दो घंटे पहले यहां नमाज के लिए तकरीबन सौ लोग इकट्ठा हुए थे। इस हादसे के बाद स्थानीय लोग गुस्से में हैं और इसके लिए यहां आउटसोसिर्ंग काम करनेवाली कंपनी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक तेज आवाज के साथ मस्जिद धंसी और उसका एक बड़ा हिस्सा जमीन में बड़ी दरारों में समा गया। बस्ती के लोग दहशत में घरों से बाहर निकल आये। बता दें कि इस इलाके को पहले ही खतरनाक क्षेत्र के तौर पर चिन्हित किया जा चुका है।
खनन क्षेत्र में लगी आग की वजह से यहां जमीन के नीचे का तापमान बेहद असामान्य पाया गया है। ध्वस्त हुई मस्जिद की दीवारों में पहले से दरारें पड़ चुकी थीं। लगभग तीन साल पहले यहां की जमीन में विस्फोट भी हुआ था। जमीनी आग के चलते मोदीडीह 6-10 काली मंदिर भी पहले जमींदोज हो चुकी है। यहां एक छोटी मस्जिद भी इन्हीं कारणों से ध्वस्त हो चुकी है।
मोदीडीह कोलियरी में कोयला खनन के दौरान इनक्लाइन चलने के बाद जमीन के अंदर आग धधकी थी। धीरे धीरे आग बढ़ती चली गई और तेतुलमुड़ी बस्ती, तेतुलमुड़ी 22-12 बस्ती, मोदीडीह 6-10, जोगता इलाके में फैल गयी। 22-12 बस्ती में जमीनी सतह से कई जगह गैस का रिसाव होता रहता है। इस इलाके की ऐसी समस्याओं को लेकर बीसीसीएल कार्यालय के समक्ष स्थानीय लोगों ने कई बार प्रदर्शन किया है। पिछले सितंबर महीने में केंद्र से आयी एक टीम ने भी इस इलाके का सर्वे किया था। भू-धसान क्षेत्र में रहनेवाले लोगों को सुरक्षित जगह पर बसाने और इसमें आ रही अड़चनों के संबंध में जानकारी भी ली थी।
लोगों का कहना है कि आउटसोसिर्ंग कंपनी की लापरवाही और बीसीसीएल प्रबंधन की अनदेखी की कारण ऐसी घटना हुई है। भविष्य में इससे भी बड़ी दुर्घटना न हो जाए, इसके लिए आउटसोसिर्ंग का काम बंद कराना जरूरी है। ग्रामीण यहां आउटसोसिर्ंग कंपनी के काम को बंद कराने पर आमादा थे। पुलिस ने उन्हें समझा-बुझाकर शांत कराया।
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