राज्यपाल ने नक्सलवाद को समूल नष्ट करने का प्रण लेने का आह्वान किया
झारखंड की राज्यपाल द्रोपदी मुमरू ने लोगों से साम्प्रदायिकता, आतंकवाद और नक्सलवाद को समूल नष्ट करने का पण्रकरने और देश को वि के सबसे शक्तिशाली गणराज्य के रूप में स्थापित करने के लिये पूर्ण समर्पण से कार्य करने का आवान किया है.
(फाइल फोटो) |
श्रीमती मुमरू ने गुरूवार को मोरहावादी मैदान में 68 वें गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित राजकीय समारोह में ध्वज फहराने के बाद कहा कि संवैधानिक स्वतांता के प्रवर्तन का यह दिन अत्यन्त महत्वपूर्ण है.
स्वशासन के जिन आदर्श एवं उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी गयी, उन दर्शन एवं आदशरे को राष्ट्र के लोगों के विकास के लिये संविधान के रूप में अधिनियमित एवं अंगीकृत किया गया.
हमें आत्म चिंतन करना है कि संविधान के मार्गदर्शन में हम अपनी आजादी के उद्देश्यों एवं आदशरे को किस हद तक प्राप्त करने में सफल हुये है. राज्यपाल ने कहा कि झारखंड के सर्वागीण विकास एवं जनआकांक्षाओ को साकार करने की दिशा में राज्य सरकार प्रयत्नशील है.
झारखंड को विकास के पथ पर अग्रसर करने के लिये सरकार हर संभव कदम उठा रही है जिससे यह राज्य एक खुशहाल एवं विकसित प्रदेश बन सके. साथ ही अन्य राज्यों के लिये प्रेरणा बन सके. राज्य सरकार ने प्राथमिकतायें तय करते हुये जनहित से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों यथा स्वच्छ एवं संवेदनशील प्रशासन जन भागेदारी, स्वच्छता, भ्रष्टाचार उन्मूलन, सुगम यातायात, बिजली, सिंचाई, खेत खलिहान, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं महिला सशक्तिकरण पर अपना ध्यान केन्द्रित किया है.
राज्यपाल ने कहा कि राज्य को बेरोजगारी एवं पलायन की समस्या से निजात दिलाने के उद्देश्य से सरकार ने सक्षम झारखंड कौशल विकास की योजना की शुरूआत की है. इस योजना के तहत राज्य के लाखों युवक-युवतियों का कौशल विकास कर उन्हें रोजगार का अवसर उपलब्ध कराने के लक्ष्य पर राज्य सरकार तेजी से कार्य कर रही है.
श्रीमती मुमरू ने कहा कि सतत विकास के लिये राज्य की आधारभूत संरचना का मजबूत होना नितान्त आवश्यक है. आधारभूत संरचना मजबूत होगी तभी राज्य के विकास को अपेक्षित गति मिल सकेगी. इस तथ्य को ध्यान में रखकर सरकार बिजली, सड़क एवं परिवहन आदि विषयों पर सुधार के लिये गंभीरता से प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश में 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने के अपने संकल्प की ओर तीव्र गति से कार्यरत है.
राज्यपाल ने कहा कि राज्य में बाल श्रम के उन्मूलन के लिये सरकार अनवरत अभियान चला रही है. साथ ही मुक्त कराये गये बाल श्रमिकों के पुनर्वास की कार्रवाई भी की जा रही है. देश के विभिन्न महानगरों में श्रमिकों के पलायन को हतोत्साहित करने तथा प्रवासी महिला श्रमिकों को वापस लाने का कार्य भी किया जा रहा है. राज्य में आने वाली किसी भी आपदा से तत्काल निपटने के लिये राज्य एवं जिला स्तर पर आपदा प्रबंधन प्राधिकार को सक्रिय करने की दिशा में कार्य किया गया है.
राज्यपाल ने कहा कि राज्य में सुरक्षित एवं भयमुक्त समाज के निर्माण की दिशा में सरकार द्वारा कई कदम उठाये जा रहे है. पिछले दो वर्षो में उग्रवाद की रोकथाम के लिये सरकार द्वारा किये गये गंभीर प्रयासों के परिणाम स्वरूप ही आज उग्रवाद की घटनाओं में काफी कमी आई है. साथ ही ऐसी गतिविधियों में शामिल राज्य के युवाओं को मुख्य धारा में शामिल करने के लिये भी सरकार द्वारा प्रयास किये जा रहे है तथा इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे है.
श्रीमती मुमरू ने कहा कि सरकार ने झारखंड के स्थानीय निवासी की परिभाषा एवं पहचान सम्बन्धी चिर प्रतीक्षित नीति का निर्धारण भी कर दिया है, साथ ही सरकार द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों में आने वाले जिलों के स्थानीय निवासी ही सम्बन्धित जिलों के विभिन्न विभागों मे अगले दस वर्ष तक जिला संवर्ग के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों में उद्दत रिक्तियों पर भर्ती के लिये पा होंगे. इससे राज्य की जनता को उनका वास्तविक हक मिल सकेगा और राज्य के विकास में वे अपना योगदान दे सकेंगे.
राज्यपाल ने कहा कि उनकी सरकार ने संविधान के आदर्शों एवं उद्देश्यों को दृष्टि में रखते हुये राज्य की जनता के कल्याण के लिये हर आवश्यक कदम उठा रही है. हमारे देश का संविधान विश्व का सबसे बडा संविधान है जिसमें जनहित से जुड़े हुये हर विषय का समावेश है. इसमें नागरिको के अधिकार सुनिश्चित किये गये है. आज ही के दिन 26 जनवरी 1950 को भारत के संविधान की घोषणा की गयी एवं भारत देश गणतां के रूप में स्थापित हुआ. संवैधानिक स्वतांता के प्रवर्तन का यह दिन हमारे लिये अत्यन्त महत्वपूर्ण है.
| Tweet |