झारखंड विधानसभा में अभद्र भाषा का प्रयोग करने से चार विधायक निलंबित

Last Updated 20 Jan 2017 01:17:13 PM IST

झारखंड विधानसभा ने राज्य के झारखंड मुक्ति मोर्चा के तीन और कांग्रेस के एक विधायक समेत कुल चार विधायकों को शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करने और सदन में अमर्यादित व्यवहार करने के मामले में सदाचार समिति की सिफारिश पर 31 मार्च तक के लिए विधानसभा से निलंबित कर दिया और इस दौरान उनके वेतन और भत्ते पर भी रोक लगाने का फैसला किया.


(फाइल फोटो)

राज्य विधानसभा के बजट सत्र में आज भी झामुमो विधायकों के सीएनटी एवं एसपीटी कानूनों में संशोधनों के खिलाफ सदन के भीतर और बाहर जारी विरोध प्रदर्शन के बीच सदाचार समिति की रिपोर्ट पेश की गयी. इसमें पिछले वर्ष विधानसभा के शीतकालीन सत्र में 23 नवंबर को विपक्षी विधायकों द्वारा इन संशोधनों को लेकर किये गये हंगामे के दौरान अभद्र भाषा के प्रयोग और अमर्यादित व्यवहार के आलोक में चार विपक्षी विधायकों को 31 मार्च तक सदन से निलंबित करने की अनुशंसा थी.
   
सदन ने सदाचार समिति की अनुशंसाओं को हंगामे के बीच ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया. इसके चलते कांग्रेस के इरफान अंसारी और झामुमो के सिल्ली से विधायक अमित महतो, खूंटी के तोरपा से विधायक पौलुस सुरीन एवं चक्र धरपुर से शशिभूषण समद तत्काल प्रभाव से विधानसभा से निलंबित हो गये.
  
विधानसभा के फैसले के अनुसार इन्हें निलंबन की अवधि में कोई वेतन, भत्ता और सुविधाएं नहीं मिलेंगी.


  
विधानसभा में इस प्रस्ताव के पारित होने से विपक्ष का विरोध प्रदर्शन और बढ़ गया और उन्होंने सदन में अध्यक्ष के आसन के समक्ष एकत्रित होकर नारेबाजी प्रारंभ कर दी जिसके बाद आज सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी.
  
ज्ञातव्य है कि शीतकालीन सत्र में झामुमो और कांग्रेस के विधायकों ने आदिवासी भूमि से जुड़े सीएनटी एवं एसपीटी अधिनियमों में संशोधनों का विरोध किया था और अपने विरोध के दौरान उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया था.
 
इस मामले की शिकायत भाजपा विधायक जीतू चरण नायक ने विधानसभा अध्यक्ष से की थी जिन्होंने इसकी जांच सदाचार समिति को 24 नवंबर को ही सौंप दी थी.

भाषा


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment