ED ने छत्तीसगढ़ में दो हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाले में की तीसरी गिरफ्तारी

Last Updated 11 May 2023 02:58:13 PM IST

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ में 2,000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में तीसरे आरोपी को गिरफ्तार किया। सूत्रों के मुताबिक आरोपी की पहचान शराब कारोबारी पप्पू ढिल्लो के रूप में हुई है।


इससे पहले दिन में ईडी ने नीतेश पुरोहित को गिरफ्तार किया था। दोनों को बाद में दिन में विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया जाएगा। ईडी उनकी कस्टोडियल रिमांड लेने की तैयारी में है।

ईडी ने सोमवार को कहा था कि रायपुर के मेयर एजाज ढेबर का भाई अनवर ढेबर शराब घोटाले का सरगना है।

अनवर फिलहाल ईडी की हिरासत में है। वह 6 मई की तड़के एक होटल के पिछले दरवाजे से भागने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया था।

ईडी ने आरोप लगाया कि अनवर इस सिंडिकेट का मुख्य संग्रह एजेंट और फ्रंटमैन है। वह कथित तौर पर शराब व्यवसायियों से कमीशन के रूप में प्रति पेटी 75 रुपये वसूल रहा था।

ईडी ने कहा कि उसकी जांच से पता चला है कि देशी शराब की बिक्री पर कमीशन की मात्रा तय करने के लिए अनवर ने मार्च 2019 में एक बैठक बुलाई थी, इसमें शराब व्यवसायियों ने भाग लिया था, जहां डिस्टिलर्स को 75 रुपये का भुगतान करने के लिए कहा गया था। बदले में अनवर ने उनकी लैंडिंग दरों को आनुपातिक रूप से बढ़ाने का वादा किया।

यह व्यवस्था मान ली गई और शराब की पेटियों की बिक्री पर सिंडीकेट मोटी रकम वसूलने लगा। प्रत्येक शराब की पेटी एमडी सीएसएमसीएल द्वारा ही खरीदी गई थी।

ईडी ने आरोप लगाया, यह एक पूर्व नियोजित समझौता था। इसलिए, एक तरह से पार्ट-ए के पूरे आयोग को छत्तीसगढ़ राज्य के खजाने द्वारा प्रायोजित किया गया है।

आईएएनएस के पास मौजूद रिमांड पेपर में ईडी ने आरोप लगाया, अनवर एक मजबूत व्यक्ति है और उसका एक भाई हत्या के एक मामले में आरोपी है, जिसकी जांच सीबीआई कर रही है। अनवर ने पूरे सिंडिकेट को उच्च शक्तियों के निर्देश के अनुसार चलाया।

ईडी ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ में एक आपराधिक सिंडिकेट काम कर रहा है, जो सरकारी विभागों को नियंत्रित करके रिश्वत के संग्रह में शामिल था।

ईडी ने आगे आरोप लगाया है कि इस सिंडिकेट में राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, निजी व्यक्ति और नेता शामिल हैं।

आईएएनएस को हासिल ईडी के दस्तावेजों के मुताबिक, उद्योग और वाणिज्य विभाग में संयुक्त सचिव अनिल टुटेजा मामलों का प्रबंधन कर रहे थे और अनवर ढेबर के साथ इस अवैध सिंडिकेट के सरगना थे। उनकी राजनीतिज्ञों के साथ निकटता थी और वे उनका दुरुपयोग कर रहे थे।

ईडी के सूत्रों ने कहा कि उनकी जांच से पता चला है कि आबकारी विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है और सैकड़ों करोड़ रुपये एकत्र किए जा रहे हैं।

सूत्रों ने बताया कि,छत्तीसगढ़ में शराब की अवैध बिक्री में कई व्यक्ति शामिल थे। अवैध बिक्री के प्रत्येक चरण में, उसमें शामिल लोगों द्वारा उनके भुगतान के रूप में धन का एक छोटा अंश लिया गया था, और शेष धनराशि मुख्य अभियुक्त अनवर को भेज दी गई थी। इस लूट से राज्य के खजाने को और केंद्र सरकार के करों का नुकसान हुआ है।

ईडी ने कहा, शराब राज्य का विषय है और सार्वजनिक स्वास्थ्य और राजस्व सृजन के उद्देश्य से इसकी मांग और आपूर्ति को विनियमित करना राज्य सरकार का कर्तव्य है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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