5 अप्रैल को मोदी से मिलेंगे छतीसगढ़ के सभी भाजपा विधायक

Last Updated 04 Apr 2023 03:26:04 PM IST

5 अप्रैल को मोदी से मिलेंगे छतीसगढ़ के सभी भाजपा विधायक छतीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ,क्या अब किनारे कर दिए जाएंगे? आगामी विधानसभा चुनाव में क्या उन्हें टिकट नहीं मिलेगा? रमन सिंह को लेकर छत्तीसगढ़ से लेकर दिल्ली तक कुछ इसी तरह की चर्चाएं हो रही हैं।


छतीसगढ़ से रमन की रवानगी

इन चर्चाओं के पीछे का सबसे बड़ा कारण 5 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के भाजपा विधायकों की प्रधानमंत्री मोदी के साथ होने वाली बैठक है।
 ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है कि रमन सिंह इस बार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे। बीजेपी दावा कर रही है कि इस बार के चुनाव में भाजपा छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार को हटाकर खुद की सरकार बनाएगी। संभवत 5 अप्रैल छत्तीसगढ़ के भाजपा विधायकों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन साबित होने जा रहा है।

इस दिन भाजपा के सभी 14 विधायक प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। भाजपा के विधायक डरे और सहमे हुए हैं। क्योंकि उन्हें पता है कि प्रधानमंत्री से मिलने के बाद संभवतः उन सभी के टिकट काट दिए जाएंगे। क्योंकि ऐसा पहले भी हो चुका है, जब मोदी से मिलने के बाद सिटिंग सांसदों के टिकट काट दिए गए गए थे।

यहां याद दिला दें कि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ के सभी भाजपा सांसदों की मीटिंग प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई थी।जिसके परिणाम स्वरूप सभी सिटिंग सांसदों के टिकट काट दिए गए थे। उधर इस मीटिंग को लेकर छत्तीसगढ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने भी कह दिया है कि बीजेपी के सभी सिटिंग विधायक अब घर बैठा दिए जाएंगे।

छत्तीसगढ़ की बात करें तो आज भी वहां बीजेपी की तरफ से डॉ रमन सिंह से बड़ा चेहरा कोई नहीं है। बावजूद इसके उनका टिकट काटने की बात हो रही है। रमन सिंह इस समय 70 वर्ष के हो चुके हैं। रमन सिंह 2004 से लेकर 2013 तक लगातार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वह छत्तीसगढ़ की राजनीति को भलीभांति समझते ही नहीं बल्कि बीजेपी को जिताने का मादा भी रखते हैं।

उधर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा विधायकों को लेकर कहा है कि जब वो भाजपा विधायकों को छत्तीसगढ़ की  समस्या को लेकर दिल्ली चलने की बात करते थे तो भाजपा विधायक दिल्ली जाने से मना कर देते थे। लेकिन प्रधानमंत्री ने बुलाया है तो वह भागे-भागे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास के लिए कई बार प्रधानमंत्री से मिलने की बात की पर कोई भी भाजपा विधायक उनके साथ नहीं गया।

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया है कि भाजपा के विधायक सिर्फ अपने टिकट को लेकर चिंतित रहते हैं, कि कहीं उनका टिकट न कट जाए। छत्तीसगढ़ के विकास को लेकर भाजपा के विधायकों ने कभी चिंता व्यक्त नहीं की। खैर छतीसगढ़ में इसी वर्ष नवंबर माह में विधानसभा चुनाव होने हैं। इस तरह के  आरोप-प्रत्यारोप लगते रहेंगे। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बहुमत हासिल किया था। लगातार 15 वर्षों से  छत्तीसगढ़ की सत्ता संभाल रहे डॉ रमन सिंह की भाजपा सरकार को हटा दिया था।

कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एक बड़ा चेहरा हैं, उनके अलावा कांग्रेस में कुछ और भी चेहरे है, जिन्हें पूरा प्रदेश जानता है लेकिन भाजपा में डॉ रमन सिंह के अलावा ऐसा कोई चेहरा नहीं है, जो छतीसगढ़ में भाजपा का नेतृत्व कर सके। ऐसे में अब छतीसगढ़ में यही चर्चा हो रही है कि छतीसगढ़ की राजनैतिक लड़ाई का पैटर्न क्या होगा। पूरा देश जानता है कि विधानसभा का चुनाव हो या लोकसभा का, सब जगह कमोबेस मोदी ही चलते हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ की लड़ाई अब मोदी बनाम भूपेश बघेल होने वाली है। अगर बगैर रमन सिंह के छतीसगढ़ के आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा जीत जाती है तो रमन सिंह का क्या होगा, यह प्रश्न चुनाव समाप्त होने तक राजनैतिक गलियारों में तैरता रहेगा।
 

शंकर जी विश्वकर्मा
नई दिल्ली


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