छत्तीसगढ़ में कोरोना मरीजों की दुर्गति

Last Updated 06 Sep 2020 02:10:29 AM IST

छत्तीसगढ़ में एक तरफ जहां कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं वहीं अस्पतालों में मरीजों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।


छत्तीसगढ़ में कोरोना मरीजों की दुर्गति

इसको लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के जनप्रतिनिधि भी आलोचना को लेकर मुखर हुए हैं।
राज्य के वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने शनिवार को जब बैठक ली तो शिकायत आई कि कोरोना मरीजों को भिलाई के अस्पताल में जली हुई रोटियां दी जा रही हैं। शंकराचार्य अस्पताल में परोसे जा रहे खाने को लेकर कई जनप्रतिनिधि भड़क गए। उन्होंने मरीजों द्वारा अस्पताल से भेजी गई जली हुई रोटियों की फोटो भी दिखाई। अस्पताल में गंदगी के फोटो भी दिखाए गए। प्रभारी मंत्री अकबर ने अस्पताल में भर्ती किसी मरीज से सीधे बात कराने के लिए कहा तो अफसरों ने किसी का नंबर होने से इनकार कर दिया। इस पर भिलाई के पाषर्द लक्ष्मीपति राजू ने 28 साल की महिला मरीज से मंत्री की बात कराई। मरीज ने मंत्री के सामने प्रशासन के तमाम दावों की पोल खोल कर रखी दी। मंत्री को जली हुई रोटियों के स्नैपशॉट भी लाइव दिखा दिए गए।

इधर, रायपुर पश्चिम के कांग्रेस विधायक संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने निजी अस्पतालों के संचालकों द्वारा मनमाने तरीके से कोरोना मरीजों से लाखों रु पए वसूल किये जाने की शिकायत मुख्यमंत्री से की है। उन्होंने कहा है कि 90 फीसद पीड़ितों द्वारा लगातार ये शिकायत मिल रही है कि निजी अस्पतालों में कोरोना का डर दिखाकर उनसे मनमाने तरीके से लाखों रु पए की वसूली की जा रही है। कई मरीज तो ऐसे भी हैं जो इन निजी अस्पतालों में महज तीन दिनों की फीस छह लाख रु पए तक चुकाए हैं।
उन्होंने कहा पूरे देश में लगातार कोविड-19 के मरीजों की इजाफा के साथ ही छत्तीसगढ़ में भी इसकी बढ़ोतरी हुई है। नतीजन सरकारी अस्पतालों में अब जगह नहीं है कि सभी पीड़ितों को भर्ती किया जा सके। मजबूरन प्रदेश भर के संक्रमित लोग अच्छे इलाज की आशा में राजधानी रायपुर के निजी अस्पतालों का रु ख कर रहे हैं। स्थिति यह है कि अब इन अस्पतालों में कोविड-19 के अलावा अन्य बीमारी से ग्रसित लोगों की संख्या बहुत कम है। इसका फायदा ये निजी अस्पतालों के संचालक भरपूर उठा रहे हैं। अस्पताल मरीज या उसके परिजनों को केस से जुड़े सभी कागजात की फोटोकॉपी नहीं देते हैं। पूरा बिल न अदा किया गया हो तो मरीज को अस्पताल छोड़ने नहीं दिया जाता है। यहां तक कि शव तक नहीं ले जाने देते। उपाध्याय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आग्रह किया है कि वे वर्चुअल मीटिंग लेकर सभी निजी अस्पतालों के संचालकों को इस बाबत स्पष्ट हिदायत दें कि छत्तीसगढ़ की आम जनता के साथ किसी तरह की लूट रोकें। प्रदेश में मुख्य विपक्ष जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल ने कोरोना संक्रमण के फैलाव पर सीधे सरकार से सवाल किया है कि स्वास्थ्य मंत्री जानते थे कि प्रदेश में कोरोना का आंकड़ा 60 हजार तक पहुंचेगा तो वर्कप्लान बनाकर तैयारी क्यों नहीं की।

सहारा न्यूज ब्यूरो/रमेश शर्मा
रायपुर


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