कुख्यात नक्सली कमांडर रमन्ना की मौत !

Last Updated 12 Dec 2019 06:07:32 AM IST

पिछले तीन दशकों से छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल में आतंक के पर्याय बन चुके कुख्यात नक्सली कमांडर रमन्ना उर्फ राहुल श्रीनिवास की क्या मौत हो गई है, यह सवाल पिछले शनिवार से गहराया हुआ है।




कुख्यात नक्सली कमांडर रमन्ना (file photo)

उस पर छत्तीसगढ़ समेत चार राज्यों में 1.33 करोड़ रु पए का इनाम घोषित था। नक्सलियों में सबसे ज्यादा इनामी और कुख्यात नेता रमन्ना ही रहा है।

रमन्ना ने वर्ष 2010 के अप्रैल माह में सीआरपीएफ के 76 जवानों की हत्या कर दी थी। तब से पुलिस उसे लगातार ढूंढ़ रही थी मगर वह कभी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पाया। जंगल के भीतर से खबर यह आई है कि बीते शनिवार को 55 वर्षीय रमन्ना की हृदय आघात से मौत हो गई और उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया है। दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के सचिव रमन्ना की मौत पर नक्सली संगठन चुप हैं जिससे यह रहस्य और भी गहरा रहा है। हालांकि नक्सली संगठनों की तरफ से आए दिन किसी न किसी मुद्दे पर विज्ञप्ति जारी होती हैं  लेकिन इस बारे में कोई सूचना नहीं दी गई है। पुलिस के आला अधिकारियों का कहना है इस खबर की पुष्टि तथ्यों के सामने आने के बाद ही की जा सकेगी।

तीन दशक से था सक्रिय : रमन्ना पिछले करीब 30 साल से बस्तर क्षेत्र में सक्रिय था। उसने बस्तर में जोनल कमेटी की स्थापना तथा माओवादी आंदोलन को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। इसी वजह से उसे वर्ष 2011 में दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का सचिव बनाया गया था। बस्तर के आईजी सुंदरराज ने बताया कि रमन्ना की मौत की जानकारी को पुष्ट करने के लिए कई सबूत मिले हैं लेकिन फिर भी इस संबंध में अधिक जानकारी ली जा रही है। पिछले कुछ दशक से बस्तर क्षेत्र में हुई बड़ी घटनाओं का वह मास्टरमाइंड था। इनमें 2010 में ताडमेटला में सीआरपीएफ की 76 जवानों की हत्या तथा वर्ष 2013 में दरभा घाटी नक्सली हमला शामिल है जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मारे गए थे।

तेलंगाना पुलिस को मिली थी सूचना : रमन्ना को दिल का दौरा पड़ने की खबर सबसे पहले तेलंगाना की पुलिस को मिली थी और वहां से यह खबर छत्तीसगढ़ पहुंची है। इनपुट थे कि नक्सलियों का एक बड़ा दस्ता पिछले दिनों पाल्गुना इलाके में गया था और वहां बड़े नक्सली नेता का अंतिम संस्कार किया गया है। वैसे ग्रामीण  लगातार इस बात की चर्चा कर रहे हैं की रमन्ना वाकई में मारा गया है। बहरहाल पुलिस अधिकारी इस खबर की पुष्टि के राहत भरे इंतजार में हैं क्योंकि बस्तर में रमन्ना ने नक्सलियों का ढांचा विकसित करके पुलिस के नाक में दम कर दिया और चप्पे-चप्पे पर नक्सलियों का संगठन तैयार कर लिया था। उसके जाने के बाद माना जा रहा है कि नक्सलियों का मूमेंट कमजोर पड़ जाएगा।

नक्सलियों का था मास्टरमाइंड
रमन्ना तेलंगाना के वारंगल जिले का निवासी था। छत्तीसगढ़ में उस पर 40 लाख रुपए का इनाम है। उसकी पत्नी सावित्री उर्फ  सोढ़ी-हीड़मे स्थानीय आदिवासी महिला है। वह दक्षिण बस्तर के प्रमुख माओवादी नेता है तथा किस्टाराम एरिया कमेटी में सचिव के रूप में काम कर रही है। रमन्ना का बेटा रंजीत अपनी मां के समूह में सदस्य के रूप में सक्रिय है। रमन्ना को क्षेत्र में होने वाले नक्सली घटनाओं का प्रमुख रणनीतिकार माना जाता था। वह लंबे समय से बस्तर और पड़ोसी राज्यों महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और ओडिशा के सीमावर्ती क्षेत्रों में नक्सली आंदोलनों की अगुवाई कर रहा था।  पुलिस इस खबर की पड़ताल कर रही है।

सूत्रों के मुताबिक उसकी मौत हार्ट अटैक से हुई है। सुंदरराज ने कहा कि पुलिस और खुफिया एजेंसियों के पास ऐसे इनपुट तो हैं पर उसकी बॉडी रिकवर करने का कोई चांस नहीं है। इस संबंध में दिनभर अटकलें चलती रहीं। अधिकारियों ने कहा कि रमन्ना की मृत्यु से बस्तर क्षेत्र में माओवादी आंदोलन कमजोर होगा।

सहारा न्यूज ब्यूरो
रायपुर


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