बस्तर की गलत छवि पेश की जा रही है

Last Updated 18 Jun 2017 06:32:05 AM IST

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने वाले प्रोफेसर, फिल्म निर्माता और छात्रों के एक दल ने कहा है कि कुछ लोगों द्वारा बस्तर की गलत छवि पेश की जा रही है.




बस्तर की गलत छवि पेश की जा रही है (file photo)

राज्य के बस्तर क्षेत्र का दौरा करने के बाद फिल्म निर्माता सुदिप्तो सेन, प्रोफेसर बुद्धा सिंह और प्रोफेसर प्रेरणा मल्होत्रा ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उड़ान संस्था  के माध्यम से उनका एक दल जिसमें जवाहरलाल नेहरू विविद्यालय के प्रोफेसर, दिल्ली विविद्यालय के प्रोफेसर, फिल्म निर्माता और छात्र शामिल हैुं ने इस महीने की 14 तारीख से राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने पाया कि कुछ लोगों द्वारा नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र की गलत छवि पेश की जा रही है.
दल के सदस्यों ने कहा कि कुछ मीडिया में सिर्फ छत्तीसगढ़ के नक्सलवाद और हिंसा को दिखाया जा रहा है लेकिन जमीनी हकीकत अलग है. यहां भी विकास के काम हो रहे हैं.
उन्होंने कहा कि देश के अन्य हिस्सों में रहने वाले लोगों को छत्तीसगढ़ में नक्सली समस्या और मानवाधिकार के हनन की खबरें दिखाई जाती है. लेकिन यहां जब टीम ने दौरा किया तब पाया कि परिस्थितयां अलग है. यहां नक्सलियों द्वारा आदिवासियों पर जो अत्याचार होता है वह नहीं दिखाया जाता है.
सदस्यों ने बताया कि इस दौरान उन्होंने वहां के आम लोगों से, आत्मसमपर्ति नक्सलियों से, पुलिस जवानों और अन्य लोगों से मुलाकात की और वहां की स्थिति को समझने का प्रयास किया. यह भी जानने का प्रयास किया कि आदिवासी क्षेत्रों में सरकार की योजनाएं पहुंच रही है या नहीं.
 उन्होंने कहा कि देश में नक्सल समस्या के कारण कई लोगों की जानें गई हैं और कई जवान शहीद हुए हैं. लेकिन इनके मानवाधिकार की चिंता नहीं की जाती है.
दल के सदस्यों ने कहा कि बस्तर को लेकर केवल समस्याओं की बात की जाती है. लेकिन यहां के विकास और पर्यटन की भी बात होनी चाहिए. अक्सर एक ही पक्ष को सामने लाने का प्रयास किया जाता है.

बस्तर क्षेत्र का दौरा करने वाले दल के सदस्यों ने आज राज्यपाल बलरामजी दास टंडन से भी मुलाकात की.
राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि राज्यपाल टंडन से आज यहां राजभवन में सुमित मलुजा के नेतृत्व में उड़ान के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य भेंट की. मलुजा ने बताया कि उनकी संस्था द्वारा राष्ट्रीयता की भावना को जागृत करने एवं देश की कला और संस्कृति के संरक्षण के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं.
टंडन ने कहा कि बस्तर में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. बस्तर के कुछ हिस्सो में नक्सलवाद की समस्या के कारण यहां विकास कार्य तीव गति से नहीं हो पा रहा है. वह दिन दूर नहीं जब समन्वित प्रयासों से प्रदेश से नक्सलवाद समाप्त हो जाएगा और बस्तर पर्यटन के क्षेत्र में प्रगति करेगा.
 प्रतिनिधिमंडल में सुदिप्तो सेन फिल्म निर्माता, प्रोफेसर बुद्धा सिंह, प्रोफेसर प्रेरणा मल्होत्रा, श्रुति मिश्रा, राघव अवस्थी, रोहित कुमार, मनोरंजन कुमार और आदित्य कुमार शामिल थे.

भाषा


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment