बांग्लादेश संकट से प्रभावित हुआ बिहार का रेडीमेड बाजार,कपड़ा व्यापार पर असर

Last Updated 09 Aug 2024 06:13:57 PM IST

बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद बने हालात का असर बिहार के कारोबार पर भी पड़ने लगा है और सीमांचल के रेडीमेड, गमछा, लुंगी और सूती कपड़ा कारोबार पर असर पड़ा है।


बांग्लादेश संकट से प्रभावित हुआ बिहार का रेडीमेड बाजार

बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद बने हालात का असर बिहार के कारोबार पर भी पड़ने लगा है। बांग्लादेश संकट का असर बिहार खासकर सेमांचल के रेडीमेड, गमछा, लुंगी और सूती कपड़ा व्यवसाय पर दिखने लगा है। इसके अलावा मछली बाजार पर भी असर पड़ा है।

रिपोर्ट में भागलपुर और मुजफ्फरपुर के व्यापारियों के हवाले से कहा गया है कि अगर हालात जल्द नहीं सुधरे तो दशहरा, दिवाली और छठ पर भी असर पड़ सकता है। सिल्क सिटी, भागलपुर में ‘प्लैनेट फैशन’ के स्टोर मैनेजर मनीष कुमार ने कहा कि यह संकट भविष्य में लाभ पहुंचा सकता है लेकिन अभी यह केवल एक समस्या है।

ज्यादातर टॉप ब्रांड कंपनियां अपने पैंट शर्ट बांग्लादेश से ही मंगाती हैं। दुर्गा पूजा आ रही है, इससे चिंता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर छोटे कारोबारी तुरंत बांग्लादेश से सामान लाते हैं।

ऑर्डर देने के एक हफ्ते के अंदर सामान मिल जाता है। ऐसे लोगों को अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कुछ लोगों के ऑर्डर अटके हुए हैं। ऑर्डर के लिए दी गई अग्रिम राशि भी फंस गई है। व्यापारियों का मानना है कि चूंकि बांग्लादेश में श्रम सस्ता है। इसलिए तैयार कपड़े वहां से सस्ते दामों पर बनाए और भेजे जाते हैं।

भारतीय बाजार में इसकी अच्छी बिक्री होती है। अगर वहां की सरकार ने कुछ दिनों तक नियंत्रण नहीं किया तो मुजफ्फरपुर और भागलपुर समेत भारतीय कारोबार पर असर पड़ेगा। इसका असर सूती कपड़ा, लुंगी और गमछे के व्यापार पर भी पड़ने की संभावना है।


उधर,भागलपुर चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष संजीव कुमार भी इसे सकारात्मक बताते हैं। उनका कहना है कि भविष्य में इसका अच्छा असर होगा। वर्तमान में बांग्लादेश बड़ी मात्रा में तैयार माल का व्यापार करता है। लेकिन इन कपड़ों का निर्माण देश के कई क्षेत्रों में किया जाता है। ऐसे में लोगों की इन क्षेत्रों पर निर्भरता बढ़ेगी और व्यापार बढ़ेगा।

इसका असर मुजफ्फरपुर के मछली बाजार पर भी दिख रहा है। बांग्लादेश से आने वाली मछलियां बाजार तक नहीं पहुंच रही हैं। मछली व्यापारी मोहम्मद रिजवान हावड़ा में रहते हैं और मछली का कारोबार करते हैं। उनका कहना है कि पहले बांग्लादेश से टेंगरा। भिटकी, पालदा, पोम्फ्रेट समेत विभिन्न प्रकार की मछलियां बाजार में आती थीं, लेकिन अब ये मछलियां नहीं आ रही हैं और जो मछलियां आ रही हैं वे भी खराब हो रही हैं।

समयलाइव डेस्क
पटना


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