बिहार स्कूल की छुट्टियों को कम करने का आदेश रद्द, शिक्षा विभाग ने जारी किया नया सर्कुलर
बिहार शिक्षा विभाग ने सितंबर से दिसंबर के बीच सरकारी स्कूलों में त्योहारों की छुट्टियों की संख्या कम करने का फैसला वापस ले लिया है।
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बिहार के सरकारी विद्यालयों की तरफ से घोषित छुट्टियों में बड़ी कटौती के बाद नीतीश सरकार को चौतरफा विरोध का सामना करना पड़ रहा था। लोगों की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद बिहार शिक्षा विभाग ने पिछले सप्ताह जारी किए गए छुट्टियों की लिस्ट को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है।
बिहार शिक्षा विभाग ने नया आदेश जारी कर कहा कि 29 अगस्त को प्रारंभिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में छुट्टियां संबंधित आदेश को निरस्त किया जाता है। बता दें कि शिक्षा विभाग ने 29 अगस्त को आदेश जारी कर रक्षा बंधन, तीज, जन्माष्टमी और जीतिया जैसे पर्व की छुट्टियां रद्द करते हुए कई छुट्टियों में कटौती कर दी थी।
बिहार शिक्षा विभाग ने सितंबर से दिसंबर के बीच सरकारी स्कूलों में त्योहारों की छुट्टियों की संख्या कम करने का फैसला वापस ले लिया है। pic.twitter.com/qRZ4qHGfuy
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 5, 2023
इस मामले में RJD नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि यह तो सरकार का फैसला है। सरकार को लगा होगा कि पुर्नविचार करने की ज़रूरत है तो उन्होंने किया। उन छुट्टियों में विश्वकर्मा पूजा भी है, विश्वकर्मा हमारे धर्म में महान इंजीनीयर माने जाते हैं लेकिन उसके लिए स्कूल की पढ़ाई 1 दिन बंद करने का क्या तर्क है? अब जन्माष्टमी में बच्चे तो उपवास करते नहीं है, 1-2 शिक्षक करते होंगे तो उन्हें छुट्टी दें, बच्चों के पढ़ाई के दिन में कटौती का समर्थन वही आदमी कर सकता है जिसे बच्चों की पढ़ाई से कोई मतलब नहीं हो।
शिक्षा विभाग के इस आदेश के खिलाफ भाजपा के साथ-साथ शिक्षक संघ ने भी विरोध किया था। शिक्षा विभाग ने कहा था कि स्कूलों में अधिक से अधिक पढ़ाई हो, इसके लिए अवकाश में संशोधन किया गया है। 29 अगस्त को शिक्षा विभाग ने संशोधित छुट्टी की सूची जारी की थी, जिसके तहत सितंबर से दिसंबर तक पड़ने वाली 23 छुट्टियों के घटाकर 11 कर दिया गया था।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी दो दिन पहले इस आदेश को उचित ठहराते हुए कहा था, ''कोई पढ़ना चाहता है, इसमें कहां कोई बुराई है। हमलोग यही चाहते हैं कि सबकोई पढ़े तो इसी को लेकर ये सब चीज़ें हो रही हैं। इसमें कोई गलत बात कहां है।''
उन्होंने आगे कहा था, ''अधिकारी और विभाग जो उचित समझते हैं, फैसला लेते हैं। इसमें क्या गलत है। हमको आश्चर्य होता है कि इस पर विवाद क्यों हो रहा है। हम तो चाहते हैं कि पढ़ाई समय पर होती रहे। उन्होंने आगे यह भी कहा कि किसी को कोई शिकायत है तो हमसे आकर मिले।''
कई दिनों से चल रहे विरोध के बाद बिहार शिक्षा विभाग ने सोमवार को फैसला वापस ले लिया है।
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