छपरा में लॉकडाउन के कारण फंसे हंगरी के विक्टर से तेजस्वी ने की बात

Last Updated 27 May 2020 01:38:24 PM IST

हंगरी का नागरिक विक्टर जीको पिछले 60 दिनों से बिहार के छपरा सदर अस्पताल में है। अब विक्टर का सब्र जवाब देने लगा है। अब वह लोगों से मदद की गुहार लगा रहा है। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि लॉकडाउन में पर्यटन की मनाही है, इस कारण उसे जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है।


सारण के पुलिस अधीक्षक हरिकिशोर राय ने आईएएनएस को फोन पर बताया कि 29 मार्च को विक्टर इस जिले में एक अत्याधुनिक साइकिल से आया था, जिसकी सूचना ग्रामीणों ने पुलिस को दी। इसके बाद विक्टर को सदर अस्पताल में रखा गया है।

राय कहते हैं कि उसे सिलीगुड़ी जाना है, लेकिन लॉकडाउन के कारण अनुमति नहीं दी जा सकती है।

इधर, विक्टर अब जाने के लिए बेचैन हैं। हंगरी के निवासी विक्टर जीको धार्मिक पर्यटक हैं। वे 8 फरवरी को भारत आए थे, जिसके बाद उन्होंने पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश की यात्रा अपनी हाईटेक साइकिल से की।

छपरा में उनकी कोरोना की जांच की गई जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है। सदर अस्पताल, छपरा के 6 बेड वाले वार्ड में फिलहाल अकेले रह रहे विक्टर का लैपटॉप, मोबाइल, पासपोर्ट, नकद राशि, कपड़े अप्रैल माह में चोरी हो गए थे, जिसके बाद छपरा पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए उनका सामान बरामद कर लिया, लेकिन पासपोर्ट सुरक्षित नहीं बरामद कर सकी।

पुलिस अधीक्षक राय कहते हैं कि आरोपी ने इसके पासपोर्ट को जला दिया था। पुलिस अधीक्षक हालांकि बताते हैं कि उनका डुप्लिकेट पासपोर्ट मंगवा दिया गया है। राय भी स्वीकार करते हैं कि विक्टर एक पर्यटक हैं और यहां से सिलीगुड़ी साइकिल से जाने के लिए बेचैन हैं।

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में पर्यटन पर पाबंदी के कारण अनुमति नहीं दी जा रही है। उन्होंने बताया कि इसके लिए विदेश मंत्रालय से भी निर्देश मांगा गया है।

इधर, बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी विक्टर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की और मदद का भरोसा दिया। तेजस्वी ने विक्टर से बात करने वाला वीडियो अपने ट्विटर पर भी शेयर किया है।

इस वीडियों में विक्टर कहते हैं, "एक स्वस्थ्य आदमी को अस्पताल में लेकर आए हैं। स्वस्थ हालत में इतने दिनों तक अस्पताल में रहना कैसा होता है? मुझे अब फ्री कर दीजिए।"

इस वीडियो के साथ तेजस्वी ने लिखा, "हंगरी के नागरिक विक्टर जीको से बात की और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया। इसके अलावा जिला प्रशासन को उन्हें बेहतर खाना और रहने की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्हें रीलोकेट करने के लिए क्या बेहतर किया जा सकता है, ये जानने के लिए शीर्ष अधिकारियों से बात की। हमारे अतिथि हमारी जिम्मेदारी हैं।"
 

आईएएनएस
पटना


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