बिहार में बारिश से बाढ़ के हालात, कई स्थानों पर रेल पटरियां डूबीं

Last Updated 13 Jul 2019 03:30:18 PM IST

बिहार के उत्तरी हिस्सों और नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के बाद कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे कई क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है।


प्रतिकात्मक फोटो

इस बीच, राज्य के कई स्थानों पर रेल पटरियों पर पानी चढ़ जाने से रेल यातायात बाधित हुआ है। बिहार के पश्चिम चंपारण में गंडक का जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण चार प्रखंडों के आधा दर्जन गांवों का बगहा अनुमंडल से संपर्क भंग हो गया है। विद्यालयों में भी छुट्टी कर दी गई है।

पूर्वी चंपारण और मधुबनी में भी नदियां उफान पर हैं। मधुबनी जिले में कमला नदी जयनगर और झंझारपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। कोसी के जलस्तर में भी वृद्घि जारी है।

नेपाल में भारी बारिश से गंडक और कोसी बैराज का जलस्तर बढ़ गया है। भारी बारिश से पश्चिम चंपारण में गंडक बैराज और भारत-नेपाल सीमा के पास कोसी बैराज में जलस्तर बढ़ गया है।

इस बीच, समस्तीपुर रेल मंडल के बैरगनिया-कुंदवा चैनपुर रेलखंड पर रेल पटरी पर बाढ़ का पानी आ जाने से रेलगाड़ियों का परिचालन शनिवार सुबह तीन बजे से रोक दिया गया है। पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने शुकवार को आईएएनएस को बताया कि इस रेलखंड पर कई गाड़ियों के मार्ग में परिवर्तन किया गया है या रद्द कर दिया गया है।

इधर, अररिया जिले के जोगबनी के निचले इलाके में शुक्रवार देर रात बाढ़ का पानी घुस गया और जोगबनी स्टेशन पर रेल पटरी पानी में डूब गई। रेल पटरी के पानी में डूब जाने से रेल गाड़ियों का परिचालन ठप हो गया। कई रेल गाड़ियों को रद्द कर दिया गया या कुछ को कटिहार-जोगबनी रेलखंड पर फारबिसगंज से चलाया गया।

रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि शनिवार नौ बजे सुबह रेल पटरी पर से पानी उतर गया, उसके बाद रेल गाड़ियों का परिचालन प्रारंभ कर दिया गया है।

दरभंगा और मुजफ्फरपुर में भी नदियों के उफान के कारण कई गांवों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। तटबंध पर बसे गांवों के लोगों का पलायन शुरू हो गया है। कई जिलों में में बाढ़ को लेकर अलर्ट कर दिया गया है।
 

आईएएनएस
पटना


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