मानहानि मामला: पटना कोर्ट से राहुल गांधी को मिली जमानत

Last Updated 06 Jul 2019 03:27:21 PM IST

मानहानि के एक मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बिहार की राजधानी पटना स्थित एक विशेष अदालत ने जमानत दे दी।


कांग्रेस नेता राहुल गांधी (फाइल फोटो)

सांसदों और विधायकों के मामले की सुनवाई के लिए गठित विशेष न्यायालय के न्यायाधीश कुमार गुंजन की अदालत में राहुल गांधी की ओर से उन्हें जमानत देने की अपील की गई थी। याचिका पर बहस पटना उच्च न्यायालय के वरीय अधिवक्ता शशि अनुग्रह नारायण ने की।

मामले के शिकायतकर्ता बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की ओर से पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता प्रमोद कुमार झा अदालत से निवेदन किया कि राहुल गांधी न्यायालय में सशरीर उपस्थित हैं इसलिए आज ही उन्हें आरोप का सारांश सुना दिया जायें और आरोप तय करने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाये। अदालत ने शिकायतकर्ता की प्रार्थना स्वीकार की और खुली अदालत में राहुल गांधी को उन पर लगाये गये मानहानि के आरोपों का सारांश अंग्रेजी में पढ़कर सुनाया।

राहुल गांधी ने अपने ऊपर लगाये गये आरोपों से इनकार किया। इसके बाद अदालत ने राहुल गांधी को 10 हजार रुपये के निजी मुचलके के साथ इतनी ही राशि के दो जमानतदारों का बंध-पत्र (बॉन्ड पेपर) दाखिल करने की स्थिति में जमानत देने का आदेश दिया।

गौरतलब है कि 18 अप्रैल 2019 को पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदातल में बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का एक शिकायती मुकदमा दाखिल किया था। इस मुकदमे में राहुल गांधी के चुनावी सभा के दौरान कर्नाटक के बेंगलुरु में दिये गये उस बयान को मानहानि वाला बताया गया है, जिसमें उन्होंने सवालिया लहजे में कहा था, ‘‘सभी मोदी उपनाम वाले चोर क्यों हैं।’’

इस मामले में पटना के दो विधायक संजीव चौरसिया और नितिन नवीन का नाम गवाहों की सूची में दिया गया है।

मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शशिकांत राय ने 26 अप्रैल 2019 को उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी का शपथ पर बयान कलमबंद किया था। उसी दिन मोदी की ओर से राहुल गांधी के उक्त बयान की वीडियो फुटेज की सीडी और अन्य कागजात अदालत में दाखिल किये गये थे।

अदालत ने सुनवाई के बाद राहुल गांधी के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 500 के तहत संज्ञान लेते हुये मामले में उनकी उपस्थिति के लिए 20 मई 2019 की तिथि निश्चित कर सम्मन जारी करने का आदेश दिया था। साथ ही मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने मामले में आगे की कार्रवाई के लिए मुकदमे का अभिलेख सांसदों और विधायकों के लिए गठित विशेष अदालत के न्यायाधीश सह अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम) कुमार गुंजन की अदालत में स्थानांतरित कर दिया था।

अदालत ने 20 मई 2019 को राहुल गांधी की ओर से उनके वकील वीरेंद्र शर्मा और अंशु कुमार ने हाजिर होकर दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 205 के तहत एक आवेदन दाखिल कर मामले में राहुल गांधी को व्यक्तिगत पेशी से छूट देने की प्रार्थना की थी। शिकायतकर्ता सुशील मोदी के वकील की प्रार्थना पर अदालत ने उक्त आवेदन का जवाब दाखिल करने के लिए 6 जुलाई 2019 की तिथि निश्चित की थी।

वार्ता
पटना


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment