म्यांमार में रोहिंग्याओं पर अत्याचार का बदला था बोधगया विस्फोट
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा पटना की एक अदालत में सोमवार को दाखिल पूरक आरोपपत्र के अनुसार म्यांमार में रोहिंग्याओं के खिलाफ हुए कथित अत्याचारों के बदले में तथा आतंकवादी कृत्य के जरिये भारत सरकार में हलचल पैदा करने के लिए 2018 में बोधगया में विस्फोटों को अंजाम दिया गया था।
बोधगया विस्फोट मामला (फाइल फोटो) |
एनआईए ने कहा कि बोधगया मंदिर और बौद्ध आस्था के अन्य प्रतीकों पर हमले की साजिश रचने के लिए बांग्लादेश का आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन जिम्मेदार था। एनआईए ने आरोपपत्र में हमले के पीछे छह लोगों के नाम गिनाए। सोमवार को जारी एक बयान के अनुसार इनमें से एक बांग्लादेश निवासी मोहम्मद जाहिदुल इस्लाम था। अन्य पांच लोग पश्चिम बंगाल के हैं, जिनमें मोहम्मद आदिल शेख, दिलावर हुसैन, अब्दुल करीम, मुस्तफिजुर रहमान और आरिफ हुसैन हैं।
एनआईए ने कहा कि जांच में सामने आया है कि मोहम्मद जाहिदुल इस्लाम उर्फ कौसर ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर एक आतंकवादी गिरोह बनाया और बोधगया मंदिर परिसर तथा बौद्ध आस्था के अन्य प्रतीक स्थलों में आईईडी लगाने की साजिश रची। एजेंसी ने कहा, ‘इसका मकसद म्यांमार में रोहिंग्याओं पर हुए कथित अत्याचार के बदले में बौद्ध धर्म के प्रतीकों पर हमले करना तथा आतंकवादी कृत्य से भारत सरकार के अंदर हलचल पैदा करना था।’
एनआईए के मुताबिक जांच में यह भी पता चला कि कुछ आरोपियों ने हैदराबाद और चेन्नई समेत दक्षिण भारत के कुछ स्थानों की यात्रा की, जहां बोधगया और अन्य बौद्ध धर्मस्थलों को निशाना बनाने की साजिश रची गई थी।
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