चारा घोटाला: लालू की सजा के बिंदु पर सुनवाई पूरी, सीबीआई कोर्ट आज करेगी सजा का ऐलान

Last Updated 06 Jan 2018 10:32:19 AM IST

चारा घोटाले के एक मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव समेत अन्य अभियुक्तों को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत आज शाम चार बजे सजा सुनाएगी.


राजद अध्यक्ष एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद (फाइळ फोटो)

बहुचर्चित अरबों रुपये के चारा घोटाले के नियमित मामले 64ए/96 में दोषी करार दिये गये राजद अध्यक्ष एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव समेत 11 अभियुक्तों की सजा के ¨बदुओं पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत में शुक्रवार को सुनवाई पूरी हो गई और इन्हें शनिवार शाम 4 बजे सजा सुनाई जाएगी.

सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में देवघर कोषागार से अवैध निकासी के मामले 64ए/96 में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से यादव, पूर्व सांसद आरके राणा, पूर्व विकास आयुक्त फूलचंद सिंह, पूर्व आईएएस अधिकारी महेश प्रसाद, पूर्व ट्रेजरी अधिकारी सुबीर भट्टाचार्य, आपूर्तिकर्ता राजराम जोशी, त्रिपुरारी मोहन प्रसाद, सुनील कुमार सिन्हा, सुशील कुमार सिन्हा, सुनील गांधी और संजय कुमार अग्रवाल की सजा के बिंदुओं पर सुनवाई पूरी हो गई.

राजद अध्यक्ष के अधिवक्ता चितरंजन प्रसाद ने बताया कि इस मामले में दोषी करार दिये गये सभी 16 अभियुक्तों को शुक्रवार को ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सजा सुनाई जाएगी. 

बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर लालू के साथ मौजूद उनके अधिवक्ता ने अदालत से  प्रार्थना करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल वृद्ध हैं, हाल ही में उनकी ओपेन  हर्ट सर्जरी हुई है और वह कई अन्य बीमारियों से ग्रसित हैं. ऐसे में उनकी  उम्र और हालत को ध्यान में रखते हुये उन्हें कम से कम सजा देने पर विचार  किया जाये.



विशेष अदालत में गुरुवार को ‘के’ अल्फाबेट तक के नाम के अभियुक्तों की सजा के बिंदुओं पर ही सुनवाई हुई थी. इसलिए इस मामले में अन्य अभियुक्त पूर्व आईएएस अधिकारी बेक जुलियस, ट्रांसपोर्टर गोपीनाथ दास एवं ज्योति कुमार झा, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा और अधिकारी कृष्ण कुमार प्रसाद की सजा के ¨बदुओं पर सुनवाई की गई थी.

उल्लेखनीय है कि यह मामला देवघर कोषागार से 89 लाख रुपये से अधिक की अवैध निकासी का है. सीबीआई ने मामले में 15 मई 1996 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी तथा 28 मई 2004 को आरोप पत्र दायर किया था.

इस मामले में 26 सितंबर 2005 को आरोप गठन किया गया था. इस मामले में पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने पशु चारा और दवा के नाम पर अवैध निकासी की थी. इसके लिए फर्जी आवंटन आदेश का इस्तेमाल किया था. जांच से बचने के लिए टुकड़ों-टुकड़ों में 10 हजार रुपये से कम का बिल ट्रेजरी में पेश किया था.


इस मामले में पिछले वर्ष 23 दिसम्बर को अदालत ने राजद अध्यक्ष यादव, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, पूर्व विधायक आरके राणा, आईएएस अधिकारी फूलचंद सिंह, बेक जुलियस एवं महेश प्रसाद के अलावा कृष्ण कुमार प्रसाद, सुबीर भट्टाचार्य,सप्लायर और ट्रांसपोर्टरा त्रिपुरारी मोहन, सुशील सिंह, सुनील सिंह, राजाराम जोशी, गोपीनाथ दास, संजय अग्रवाल, ज्योति कुमार झा और सुनील गांधी को भारतीय दंड विधान की धारा 420, 467, 468, 477 ए और 120 बी के तहत दोषी करार दिया था.

वहीं, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र, पूर्व पशुपालन मंत्री विद्यासागर निषाद, लोक लेखा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत, प्रशासनिक अधिकारी एसी चौधरी के अलावा सप्लायर और ट्रांसपोर्टर सरस्वती चंद्रा तथा साधना सिंह को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था.

 

वार्ता


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