शास्त्रीय संगीत आम जनता तक पहुंचने में असफ

Last Updated 17 Jan 2010 04:11:54 PM IST


जाने-माने सितारवादक और देश-दुनिया में भारतीय शास्त्रीय संगीत को पहुंचाने का श्रेय हासिल करने वाले पं. रविशंकर का मानना है कि शास्त्रीय संगीत सांस्कृतिक तौर पर बहुत समृद्ध होने के बाद भी आम जनता तक पहुंचने में असफल रहा है। पं. रविशंकर ने कहा हमारे सभी महान संगीतकार महलों में अपनी कला का प्रदर्शन करते रहे हैं और आम आदमी को कभी इसे सुनने का मौका नहीं मिला। हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत कुलीन और संभ्रांत वर्ग का संगीत बन कर रह गया है। एमिटी विश्वविघालय में ’संगीत और शांति’ विषय पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत को भावी पीढ़ियों तक पहुंचाने के लिए किंडरगार्टन स्तर से ही बच्चों को इससे परिचित कराना होगा। उन्होंने कहा कि समय बदला है और अब ज्यादा लोगों के बीच हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत को लेकर रूचि बढ़ रही है। पं. रविशंकर ने कहा मैंने 10 साल की उम्र से सितार सीखना शुरू किया, लेकिन मुझे अभी भी लगता है कि मैं सीख रहा हूं। उन्होंने कहा कि मैंने अपनी बेटी अनुष्का को कभी पथप्रदर्शित नहीं किया, बल्कि उसे अपनी राह खुद बनाने की अनुमति दी।



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