UPSC: दृष्टिबाधित सम्यक जैन 7वीं रैंक हासिल कर अब बनेगा IAS अधिकारी

Last Updated 31 May 2022 12:06:24 PM IST

कहते हैं एक आदमी की सफलता के पीछे एक औरत का हाथ होता है। ऐसे ही कहानी यूपीएससी में 7वीं रैंक पाने वाले सम्यक जैन की है।


दृष्टिबाधित सम्यक अब बनेगा IAS अधिकारी

दृष्टिबाधित सम्यक जैन यूपीएससी 2021 की परीक्षा में शामिल हुए। दृष्टिबाधित होने के बावजूद उन्होने हर बाधा को पार किया और यूपीएससी की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए। सम्यक जैन ने न केवल यह परीक्षा पास की है बल्कि उन्होने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 7वां रैंक भी हासिल किया है। सम्यक का कहना है कि सिविल सर्विसेज एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिए जरूरतमंद लोगों की काफी मदद की जा सकती है इसलिए उन्होंने सिविल सर्विसेस को चुना है। सम्यक की स्कूली शिक्षा मुंबई से हुई है और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की है।

यूपीएससी के लिए सम्यक ने अंतरराष्ट्रीय संबंध व राजनीति शास्त्र जैसे विषय चुने। सम्यक अन्य लोगों को प्ररेणा देते हुए कहते हैं कि न देख सकने वाले व्यक्तियों को निराश होने की कतई आवश्यकता नहीं है। आवश्यकता बस मेहतन करने की है। जो छात्र देख नहीं सकते उनके लिए भी सभी प्रकार की पुस्तकें उपलब्ध है। यह पुस्तके ऑनलाइन भी उपलब्ध है। यहां ऑनलाइन माध्यमों पर तो यह पुस्तकें बकायदा निशुल्क है। उन्होंने अपने जैसे अन्य छात्रों को आत्मविशवास सदैव ऊंचा बनाए रखने की सलाह दी है।

सम्यक जैन दिल्ली के रोहिणी में रहते हैं। यूपीएससी में मिली कामयाबी के बाद सम्यक का कहना है इस सफलता का बड़ा श्रेय उनके परिवार को जाता हैं। परिवार में भी सबसे अधिक वह अपनी मां को अपनी कामयाबी का श्रेय दे रहे हैं।

सम्यक जैन ने बताया कि यूपीएससी के नियमों के मुताबिक परीक्षा में उन्हे उत्तर लिखने के लिए लेखक की आवश्यकता थी और यह आवश्यकता सम्यक की मां वंदना जैन ने पूरी की। यानी सम्यक प्रशनों के उत्तर बोलते थे और उनकी मां इन उत्तरों को आंसरशीट पर लिखती थीं। वह याद करते हुए बताते हैं कि परिवार के सभी सदस्य इस मिशन में उनके साथ जुटे रहे। उनके मामा उन्हें कोरोना काल में परीक्षा दिलाने ले जाया करते थे। उनके उनके पिता एअर इंडिया में नौकरी करते हैं।

सम्यक को स्कूली पूरी करने तक यह समस्या नहीं थी तब वह भली-भांति देख सकते थे। 20 वर्ष की आयु में उनकी आंखों की रोशनी कम होना शुरू हुई और फिर धीरे-धीरे उन्हें सब कुछ दिखना बंद हो गया। बावजूद इसके उनका हौसला कम नहीं हुआ और उन्होंने दिल्ली के आईआईएमसी से आगे की पढ़ाई की। पढ़ाई का सिलसिला इसके बाद भी नहीं रुका और उन्होंने जेएनयू से इंटरनेशनल रिलेशन की डिग्री हासिल की।

गौरतलब है कि यूपीएससी परीक्षाओं का रिजल्ट जारी करते हुए संघ लोक सेवा आयोग द्वारा विभिन्न सेवाओं में नियुक्ति के लिए कुल 685 उम्मीदवारों (508 पुरुषों और 177 महिलाओं) की सिफारिश की गई है। अंतिम रूप से योग्य उम्मीदवारों में, शीर्ष तीन महिला उम्मीदवार हैं। अनुशंसित उम्मीदवारों में बेंचमार्क विकलांगता वाले 25 व्यक्ति हैं जिनमें 7 आथोर्पेडिक रूप से विकलांग, 05 नेत्रहीन, 8 श्रवण बाधित और 5 एकाधिक विकलांग शामिल हैं।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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