जसपुर में एक ही विवाह मंडप में हुए फेरे और निकाह
वंसतोत्सव के ऐसे पावन मौके पर जसपुर गरीब बेटियों की सामूहिक शादी का ऐसा गवाह बना जिसमें सभी धर्मों के लोग बाराती थे और मेहमान नवाज भी. और तो और कन्यादान करने वाले के रूप में एक पिता एव भाई भी.
एक ही विवाह मंडप में हुए फेरे और निकाह (फाइल फोटो) |
परिवर्तन के लिये इरादे और नेक नीयत होनी चाहिए. यदि यही इरादे समाज निर्माण या कल्याण में हो तो उस देश का नवनिर्माण एवं कल्याण होना स्वाभाविक है. साथ ही यह भी सत्य है कि इरादे नेक हों तो रास्ता अपने आप बनता जाता है. यही बात सटीक बैठती है कुमाऊं मंडल के ऊधमसिंहनगर जिले स्थित जसपुर की समदर्शी संस्था पर.
वंसतोत्सव के मौके के गवाह थे जसपुर के सभी धर्मों के हजारों लोग. हिन्दू धर्म में मान्यता है कि वंसतोत्सव का हर पल, हर क्षण बहुत शुभ एवं पावन होता है.
माना जाता है कि ऐसे मौके पर सभी रूके हुए काम निर्विघ्न सम्पन्न हो जाते हैं. वंसतोत्सव के ऐसे पावन मौके पर जसपुर गरीब बेटियों की सामूहिक शादी का ऐसा गवाह बना जिसमें सभी धर्मों के लोग बाराती थे और मेहमान नवाज भी. और तो और कन्यादान करने वाले के रूप में एक पिता एव भाई भी.
इस दिन सामाजिक संस्था समदर्शी की ओर से सभी सात दूल्हों की बारात गाजे बाजे के साथ नगर में निकाली गयी. यह मौका शहर के हर धर्म एवं हर शख्स के लिये किसी जश्न से कम नहीं था. बारात देखने के लिए सड़कों पर भीड़ उमड़ आयी. जगह जगह पुष्प वष्रा की गयी. शहर में ऐसा मंजर था कि सभी लोग दिल खोलकर स्वागत कर रहे थे. इसके बाद धर्मानुसार सभी जोड़ों की शादी रचायी गयी. एक ही मंडप में फेरे भी हुए और निकाह भी कराया गया.
समदर्शी संस्था की ओर से सात गरीब कन्याओं की शादी करवायी गयी. एक साथ बग्घी में बैठकर दूल्हों की बारात निकाली गयी. बारात शहर के ठाकुरद्वारा से बैंडबाजों के साथ निकाली गयी.
घंटों की चढ़त के बाद बारात दुल्हन पैलेस पहुंची. जहां सात दुल्हनें अपने पिया का इंतजार कर रही थीं. यहां सिक्ख समाज के दो जोड़ों की शादी गुरुद्वारे में जबकि चार हिन्दू जोड़ों की शादी शासोक्त विधि से सम्पन्न करायी गयी. इसी प्रकार एक मुस्लिम जोड़े का निकाह भी सम्पन्न हुआ. शादी संस्था के पदाधिकारियों मोहम्मद यामीन, गुरदेव, प्रेम सहोता, आरपी सिंह, जगदीश सिंह, विजय सिंह, दलवीर चौहान, विरमल, हरकेश एवं बृजपाल सिंह की देखरेख एवं सहयोग से सम्पन्न हुई.
इस मौके पर विधायक आदेश चौहान, पूर्व विधायक शैलेन्द्र मोहन सिंघल, एसएसपी सदानंद दाते, एसडीएम दयानंद सरस्वती, एएसपी डॉ. जगदीश चंद्र ने विवाहित जोड़ों को आशीर्वाद के साथ-साथ उपहार दिये.
डॉ. शैफाली ने दुल्हनों की सोने की बाली तो देवकीनंदन सर्राफ ने आभूषण दिये. इस मौके पर हजारों लोग इस शादी के गवाह बने.
अध्यक्ष मोहम्मद यामीन ने बताया कि संस्था ने पांच साल पहले यह बीड़ा उठाया था. संस्था की ओर से तब से गरीब बेटियों की शादी रचायी जाती है. इस नेक काम में शहर के गणमान्य लोगों का सहयोग भी मिलता है. पांच साल पहले उठाये गया यह कदम अब कारवां बनता जा रहा है. सभी लोग संस्था की इस पहल और कदम का दिल खोलकर स्वागत कर रहे हैं.
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