सऊदी अरब में बदलाव की बयार, महिलाओं ने पहली बार स्टेडियम में देखा मैच
महिलाओं के प्रति अति रूढिवादी देश सऊदी अरब में कल पहली बार महिलाओं को स्टेडियम में बैठकर फुटबॉल मैच का लुत्फ उठाने की इजाजत दी गयी.
यहां महिलाओं ने पहली बार स्टेडियम में देखा मैच |
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं के लिए जेद्दाह के किंग अब्दुल्ला स्पोट्र्स सिटी स्टेडियम में खास दीर्घा बनायी गयी. इसके साथ ही विशेष रेस्टरूम और अलग प्रवेश द्वार भी बनाये गये. महिला दर्शकों के स्वागत के लिए महिला कर्मचारी तैनात की गयीं. स्टेडियम में महिलाओं के बैठने के लिए अलग से ‘परिवार दीर्घा’ बनाये गये जहां बैठकर महिलाओं ने जमकर मैच का लुत्फ उठाया, खूब सेल्फी ली और अपनी पसंदीदा टीम का हौसला बढ़ाया.
महिला दर्शकों और कर्मचारियों ने पारंपरिक परिधान अबाया पहन रखा था. मैच के दो घंटों के दौरान सोशल मीडिया पर‘लोग स्टेडियमों में महिलाओं के प्रवेश का स्वागत करते हैं’ हैशटैग से दसियों हजार संदेशों का आदान-प्रदान किया गया.
सऊदी सरकार ने पिछले सप्ताह कहा था कि महिलाओं को शुक्रवार को पहला, शनिवार को दूसरा और अगले गुरुवार को तीसरा मैच देखने की इजाजत दी जाती है.
महिलाएं जिस फुटबाल मैच को पहली बार स्टेडियम में देखेंगी वह अल-अली और अल बातिन के बीच होगा. इसके बाद वे 13 जनवरी को जेद्दा और 18 जनवरी को दम्माम में भी स्टेडियम में बैठकर मैच देख सकेंगी.
शुक्रवार को मैच शुरू होने से पहले ही विभिन्न क्लब ने महिलाओं को लुभाने के लिए ट्विटर के जरिये अलग-अलग किस्म की पेशकश शुरू कर दी जिसमें टीम के रंगों की अबाया देने जैसे कई अनोखे प्रस्ताव दिये गये.
सऊदी अरब के सुल्तान मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में हाल के दिनों में महिलाओं पर लगे कई प्रतिबंधों में छूट दी गयी है. सुल्तान सलमान सऊदी अरब के समाज को उदार और आधुनिक बनाने की कोशिश के तहत कई तरह के सामाजिक सुधार कर रहे हैं. देश में पिछले वर्ष सितंबर में महिलाओं के कार चलाने पर पाबंदी को हटाने की घोषणा की गयी थी. महिलाओं को इस साल जून से कार चलाने की इजाजत मिल जाएगी.
इससे पहले कल सऊदी अरब में एक और बड़ा कदम उठाते हुए जेद्दा के एक मॉल में पूरी तरह महिला ग्राहकों के लिए समर्पित देश का पहला कार शोरूम खोला गया. मॉल के शोरूम को गुलाबी, नारंगी और पीले रंग के गुब्बारों से सजाया गया था जिसके सामने महिलाएं फोटो खिंचवा रही थीं और सेल्फी ले रही थीं.
सुल्तान की पहल पर देश में दशकों से सिनेमा पर लगे प्रतिबंध को भी दिसंबर में हटा लिया गया. उन्होंने देश के मनोरंजन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया था.
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