पंजाब में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच चार फरवरी को होगा मतदान, सार्वजनिक अवकाश की घोषणा

Last Updated 03 Feb 2017 01:07:41 PM IST

पंजाब विधानसभा के 117 सदस्यों का चुनाव करने के लिए शनिवार को मतदान होगा जहां 1.98 करोड़ लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे.


फाइल फोटो

पंजाब विधानसभा के 117 सदस्यों का चुनाव करने के लिए शनिवार को मतदान होगा जहां शिरोमणि अकाली दल भाजपा का गठबंधन अपने 10 साल के शासन के बाद सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रहा है और उसे कांग्रेस तथा आम आदमी पार्टी से कड़ी चुनौती मिल रही है.
    
मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद हो रहे इस पहले चुनाव में 1.98 करोड़ लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. चुनाव के लिए 1,145 उम्मीदवार मैदान में हैं जिनमें से 81 महिलाएं हैं और एक ट्रांसजेंडर है.
    
राज्य में शांतिपूर्वक चुनाव संपन्न कराने के लिए अर्धसैनिक बलों की 200 से ज्यादा कंपनियां :एक कंपनी में 80-100 कर्मी होते हैं: तैनात की गई हैं . यहां चुनाव प्रचार खत्म होने से मुश्किल से दो दिन पहले एक कार बम विस्फोट हुआ जिसमें छह लोगों की मौत हो गई. पंजाब पुलिस ने इस घटना के आतंकी घटना होने की संभावना से इनकार नहीं किया.

निर्वाचन कार्यालय के एक प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया, ‘‘ चुनावी तंत्र निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है.’’
    
अमृतसर लोकसभा सीट के लिए भी शनिवार को उपचुनाव होगा.

राज्य के 1,98,79,069 मतदाताओं में से 93,75,546 महिलाएं और 415 ट्रांसजेंडर हैं.
    
समूचे राज्य में 22,615 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं. 83 विधानसभा क्षेत्र सामान्य श्रेणी के हैं जबकि 34 आरक्षित हैं.
    
पंजाब में शिअद-भाजपा गठबंधन, कांग्रेस और आप के बीच त्रिकोणिय मुकाबला हो रहा है. आप का दावा है कि वह दिल्ली वाली अपनी सफलता को राज्य में दोहराएगी जहां 2015 के चुनाव में उसने कांग्रेस और भाजपा का सूपड़ा साफ कर दिया था.
आप ने 2014 में चार लोकसभा सीटें जीतीं थीं. आप चुनावी मैदान में बड़े स्तर पर उतरी है और उसके प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने राज्य के बड़े हिस्से का दौरा किया है.


    
बादल परिवार ने कथित भ्रष्टाचार, मादक पदार्थ का खतरा और कानून एवं व्यवस्था को लेकर आप के हमलों का सामना किया जबकि शिअद-भाजपा और कांग्रेस ने आप पर कट्टरपंथियों का साथ देने का आरोप लगाया और केजरीवाल के ‘बाहरी’ होने को लेकर निशाना साधा.
    
वहीं केजरीवाल ने कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख अमरिंदर सिंह और बादल पर आपस में मिले होने का आरोप लगाया.
    
मादक पदार्थ के खतरे के अलावा, विवादास्पद एसवाईएल नहर का मुद्दा और सिखों की धार्मिक किताबों की बेअदबी का मुद्दा भी चुनावी प्रतिद्वंद्वियों ने उठाया.
    
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के जालंधर और कोटकपुरा में दो चुनावी रैलियां कीं जहां उन्होंने पाकिस्तान की ओर से खतरे का मुद्दा उठाकर शिअद-भाजपा गठबंधन के लिए वोट मांगे जिस बारे में उन्होंने दावा किया कि वे अकेले ही एक स्थिर सरकार दे सकती है जो राज्य की सुरक्षा की गांरटी है.
    
राहुल गांधी ने बादल खानदान के गढ़ में कांग्रेस का प्रचार अभियान चलाया जिसमें लांबी, मजीठिया और जलालाबाद शामिल हैं और इस पर कथित भ्रष्टाचार, वंशवादी राजनीति करने, मादक पदार्थ और खनन माफिया को बढ़ाना देने को लेकर निशाना साधा.
    
शुरूआती दुविधा के बाद, राहुल गांधी ने पटियाला शाही परिवार के वारिस अमरिंदर सिंह को पार्टी का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया. 74 वर्षीय अमरिंदर पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि यह उनका आखिरी चुनाव होगा. कांग्रेस सभी सीटों पर अकेले ही लड़ रही है.
    
आप ने 112 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबकि इसकी सहयोगी लोक इंसाफ पार्टी ने पांच सीटों पर अपने प्रत्याशियों को टिकट दिया है. इस पार्टी की अगुवाई लुधियाना के बैन्स भाई करते हैं.

पंजाब में विधानसभा चुनावों को मोदी की लोकप्रियता के परीक्षण के तौर पर भी देखा जाएगा खासतौर पर नोटबंदी के मद्देनजर . हालांकि भाजपा राज्य में सिर्फ 23 सीटों पर लड़ रही है जबकि उसकी सहयोगी शिअद ने 94 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं.
     
चुनावी समर में उतरी अन्य पार्टियों में बसपा, पूर्व आप नेता सुच्चा सिंह छोटेपुर की अगुवाई वाली अपना पंजाब पार्टी और भाकपा और माकपा शामिल हैं.
     
मुख्य उम्मीदवारों में पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह :पटियाला और लांबी सीटों से: मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (लांबी से) और उनके बेटे उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल (जलालाबाद), आप सांसद भगवंत मान :जलालाबाद: राजस्व मंत्री बिक्र म सिंह मजीठिया (मजीठिया) और क्रिकेटर से नेता बने एवं भाजपा के पूर्व सांसद नवोजत सिंह सिद्धू कांग्रेस के टिकट पर (अमृतसर पूर्व) मैदान में है.


पंजाब में चार फरवरी को मतदान के लिये सार्वजनिक अवकाश
निर्वाचन आयोग ने पंजाब विधानसभा के लिये चार फरवरी को होने वाले चुनाव के मद्देनजर मतदाताओं को अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिये सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है.
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इस दिन सभी सरकारी कार्यालय. बोर्ड और निगम.औद्योगिक इकाईयां. व्यापारिक प्रतिष्ठान. दुकानें और शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे ताकि इनमें कार्यरत लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें.

 

भाषा/वार्ता


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