यूपी : प्रधानमंत्री मोदी की चुनावी रैली आज मेरठ में, सेट करेंगे चुनावी धुन

Last Updated 28 Mar 2019 09:59:53 AM IST

लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों कांग्रेस, सपा, बसपा और रालोद के हमलों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरूवार को 1857 की क्रांतिधरा मेरठ से अपने चुनाव अभियान का शंखनाद करेंगे।


रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (फाइल फोटो)

दिसंबर माह से चुनाव की अधिसूचना जारी होने तक मोदी ने परियोजनाओं के शिलान्यास व लोकार्पण कार्यक्रमों के जरिये राष्ट्र को अपने और भाजपा के विजन का अहसास कराया। विजय संकल्प सभाओं में भाजपा के कद्दावर नेताओं ने चुनावी मैच के मैदान में पार्टी की फील्डिंग सजाई।

अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी पहली चुनाव रैली में वोटरों को साधने की चुनाव धुन सेट करेंगे और यह धुन दूर तलक सुनाई देगी, इसमें किसी को संदेह नहीं है। ऐसे में लाख टके का सवाल यह है कि इस रैली में राष्ट्रवाद व विकास के साथ ही अनुकूल सोशल इंजीनियरिंग के पिच पर मतदाताओं को साधने के लिए उनकी बैटिंग की शैली क्या होगी?

लोकसभा चुनाव में इस बार ‘नमो’ को अपेक्षित सियासी ताकत दिलाना भाजपा के लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। पीएम मोदी के विजय रथ को रोकने के लिए सपा-बसपा-रालोद साझा चुनौती दे रही हैं। कांग्रेस भी एकला चलो की राह पर भाजपा की डगर में कांटे बिछाने की कोशिश कर रही है।

2013 में मुजफ्फरनगर और आसपास के जनपदों में हुई हिंसा से सुलगी नफरत से हुए ध्रुवीकरण ने ‘कमल’ को सींचा था। मोदी को पीएम का चेहरा बनाकर भाजपा ने तब संप्रग सरकार के दौरान सुर्खियों में रहे घोटालों को सियासी हथियार बनाकर वोटरों को झकझोरा था और उसकी यह कोशिश रंग लाई थी। इस बार भाजपा को चुनाव में केन्द्र में रही अपनी सरकार का पांच साल का रिपोर्ट कार्ड मतदाताओं को देना है। वहीं यूपी सरकार का दो साल का रिपोर्ट कार्ड भी मतदाताओं की कसौटी पर है।

तमाम विपक्षी दल जब भाजपा विरोधी वोटों का बंटवारा रोकने के लिए एकता की कोशिश कर रहे थे, तब दिसंबर माह में मोदी और उनकी सरकार के मंत्री बड़ी परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण करने में व्यस्त रहे। मोदी खुद गाजियाबाद व नोएडा में आए।

चुनाव अधिसूचना जारी होने के बाद भाजपा ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी मोदीमय माहौल बनाने के मकसद से जगह-जगह विजय संकल्प सभाओं का आयोजन किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली से दो दिन पहले मंगलवार रात भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पश्चिमी उत्तर की राजनीतिक धुरी मानी जाने वाली मेरठ की धरा पर 14 संसदीय क्षेत्रों की मैराथन बैठक ली, जिसमें पदाधिकारियों से क्षेत्र में बन रहे जातीय समीकरण के साथ मतदाताओं के बीच सुलग रहे मुद्दों को लेकर भी फीडबैक लिया। अमित शाह ने पार्टी पदाधिकारियों की बूथ प्रबंधन, सोशल इंजीनियरिंग साधने के अलावा मोदी की रैली की तैयारियों के होमवर्क की भी सभीक्षा की।

संगठन ने पीएम मोदी की चुनावी रैली कराने के लिए नेशनल हाईवे-58 पर सिवाया स्थित बड़े मैदान को चुना है और मेरठ व मुजफ्फरनगर जनपदों से रैली में तीन लाख लोगों को लाने का लक्ष्य तय किया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि मोदी यहां किन-किन विषयों को उठाते हैं और किन विषयों पर चुप्पी साध लेते हैं? देखना यह भी होगा कि विपक्ष को वोटरों की नजर में खलनायक दर्शाने के लिए मोदी किन-किन मुद्दों पर घेरेंगे? इस रैली में जुटने वाली भीड़ पर भी विपक्षी दलों की निगाह होना स्वाभाविक है।

बृजेश जैन/एसएनबी
नई दिल्ली


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